अस्पताल की जर्जर हालत की कहानी यहीं खत्म नहीं है. वार्ड में बेड आैर नवजात के रखने के लिए बेड दम तोड़ चुकी है. नीचे ईंट रख कर बेड को काम चलाने लायक बनाया गया है. बेड का गद्दा अपनी हालत खुद बयां कर रहा है. यह हॉस्पिटल हावड़ा नगर निगम के वार्ड नंबर 65 के अंतर्गत है. स्थानीय पार्षद देव किशोर पाठक हॉस्पिटल भवन के नवीनीकरण के लिए निगम के स्वास्थ्य विभाग को अर्जी दे चुके हैं. उम्मीद है कि जल्द ही काम शुरू होगा.
Advertisement
इलाज के लिए तरसता सिल्वर जुबली मैटरनिटी हॉस्पिटल
हावड़ा: सिल्वर जुबली मैटरनिटी हॉस्पिटल खुद इलाज के लिए तरस रहा है. हॉस्पिटल भवन दम तोड़ता नजर आ रहा है. दीवारों में दरार पड़ चुकी है. सबसे बुरा हालत उस जगह की है, जहां ऑपरेश्न होता है. ऑपरेश्न थियेटर में छत का मलबा धीरे-धीरे टूट कर गिर रहा है. बारिश के दिनों में थियेटर के […]
हावड़ा: सिल्वर जुबली मैटरनिटी हॉस्पिटल खुद इलाज के लिए तरस रहा है. हॉस्पिटल भवन दम तोड़ता नजर आ रहा है. दीवारों में दरार पड़ चुकी है. सबसे बुरा हालत उस जगह की है, जहां ऑपरेश्न होता है. ऑपरेश्न थियेटर में छत का मलबा धीरे-धीरे टूट कर गिर रहा है. बारिश के दिनों में थियेटर के अंदर पानी गिरता है. इसी हालत में यहां प्रसूति बच्चों को जन्म देती हैं.
कई महीनों से बंद है अल्ट्रा सोनोग्राफी
हॉस्पिटल में पिछले कई महीनों से अल्ट्रा सोनोग्राफी सुविधा बंद है. बताया जा रहा है कि सोनोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल रही है. मरीजों को बाहर से यूएसजी करानी पड़ रही है. डिलेवरी के अलावा महिलाओं के अन्य ऑपरेश्न भी यहां किये जाते हैं. रोजाना दो से तीन ऑपरेशन यहां होते हैं. हॉस्पिटल की कई खिड़कियां टूटी हुई हैं. आखिरी फ्लोर बंद पड़ा हुआ है.
अस्पताल में 30 बेडों की है क्षमता
वर्तमान में यहां 30 बेड हैं. नर्स की संख्या 10 है. इस हॉस्पिटल में डिलेवरी के अलावा महिलाओं के अन्य ऑपरेश्न भी किये जाते हैं. ओपीडी व्यवस्था ठीक है. सभी विभागों के डॉक्टर उपलब्ध हैं. स्त्री रोग विशेषज्ञ यहां चार हैं. हॉस्पिटल में एनआइसीयू की कोई व्यवस्था नहीं है. महिलाओं के लिए यहां दो वार्ड है. बेड बेहद पुराना हो चुका है. नवजात के रखने के लिए बॉक्श भी दम तोड़ चुका है.
बिल्डिंग की हालत दयनीय
निगम संचालित दो मंजिला इस हॉस्पिटल भवन की हालत दयनीय हो चुकी है. भवन के बाहर आैर अंदर दरारें भरी पड़ी हैं. सबसे नाजुक स्थिति ऑपरेशन थियेटर की है. थियेटर के अंदर मलबा गिर रहा है. कुछ ऐसी ही स्थिति ग्राउंड फ्लोर की हैं, जहां ओपीडी में दिखाने के लिए मरीज पहुंचते हैं. हॉस्पिटल में जरूरत के अनुसार लाइट भी नहीं है. शौचालय की हालत भी ठीक नहीं है.
हॉस्पिटल की हालत सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास अर्जी भेजी गयी है. पहले अस्पताल की हालत इससे भी खराब थी. अभी कुछ सुधार किया गया है, लेकिन निश्चित तौर पर भवन की हालत सुधारने की जरूरत है. सबसे पहले ऑपरेशन थियेटर की मरम्मत करानी होगी. मैंने खुद एमएमआइसी भास्कर भट्टाचार्य से संपर्क साधा है. उन्होंने मरम्मत कार्य के लिए हामी भी भरी है. बहुत जल्द काम शुरू होगा.
-देव किशोर पाठक, पार्षद.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement