19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुरुषों में भी बढ़ रही है प्रोस्टेट की समस्या

कोलकाता. जिस तरह से महिलाएं उम्र बढ़ने पर रजोनिवृति से प्रभावित होती है, उसी तरह से पुरुष भी बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाशिया (बीपीएच) से प्रभावित होते हैं. इस समस्या में प्रोस्टेट असामान्य रूप से बढ़ता है. इस संबंध में डॉ विनय महेंद्र, वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट, अपोलो ग्लेनाग्लेस हॉस्पिटल, कोलकाता बताते हैं कि बीपीएच उम्र बढ़ने के साथ […]

कोलकाता. जिस तरह से महिलाएं उम्र बढ़ने पर रजोनिवृति से प्रभावित होती है, उसी तरह से पुरुष भी बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाशिया (बीपीएच) से प्रभावित होते हैं. इस समस्या में प्रोस्टेट असामान्य रूप से बढ़ता है. इस संबंध में डॉ विनय महेंद्र, वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट, अपोलो ग्लेनाग्लेस हॉस्पिटल, कोलकाता बताते हैं कि बीपीएच उम्र बढ़ने के साथ बढ़ने वाली बहुत ही आम समस्या है.

यह देखा गया है कि 60 वर्ष तक की आयु वाले, 50 प्रतिशत से अधिक पुरुषों में बीपीएच हो जाता है और 85 वर्ष की उम्र होने तक 90 प्रतिशत पुरूषों में यह समस्या होती है. प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से मूत्र त्याग में दिक्कत होती है, अधिक बार मूत्र त्याग के लिए जाना पड़ता है और जब व्यक्ति मूत्र त्याग करता है तो उसे सनसनाहट होती है लेकिन जब व्यक्ति मूत्र त्याग करने की कोशिश करता है तो वह संतोषजनक तरीके से पेशाब नहीं कर पाता.

बेलव्यू मल्टी स्पेशिलिटी क्लिनिक के यूरोलॉजिस्ट, डॉ अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि पूरी तरह से मूत्राशय खाली कर पाने में असमर्थता और इससे जुड़ी हुई मूत्र संबंधी अन्य समस्याओं के कारण पुरुष परेशान हो जाते हैं और इसका असर उनके सामान्य स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोस्टेट के बढ़ने की समस्या धीरे-धीरे हृदय रोग एवं मधुमेह की तरह सामान्य समस्या का रूप धारण कर रही है. यह देखा गया है कि 60 प्रतिशत से अधिक पुरुष बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण रात में दोबार से अधिक बार मूत्र त्याग के लिए जाते हैं. अगर बीपीएच के कारण मूत्राशय में रूकावट हो तथा इसका इलाज नहीं हो तो बार-बार मूत्र मार्ग संबंधी संक्रमण, मूत्राशय में पथरी और क्रोनिक किडनी रोग हो सकते हैं. डिजिटल रेक्टल टेस्ट (डीआरई) और प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन टेस्ट (पीएसए टेस्ट) ऐसे दो परीक्षण हैं जो यह पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि क्या उस व्यक्ति को प्रोस्टेट रोग का अधिक खतरा है या नहीं. विशेषज्ञ मानते हैं की भारत के लोगों को अपनी स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर काफी अनजान रहते हैं.

वे छोटे मोटे परिवर्तनों एवं लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं. 40 साल से अधिक उम्र को लोगों को हर साल में एक बार प्रोस्टेट हेल्थ चेकअप कराना चाहिए. अधिक शराब पीने एवं कैफीनयुक्त पेय पीने से मूत्राशय में परेशानी आ सकती है और बीमारी बढ़ सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें