उत्तर पूर्वी भारत का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन पर दो और प्लेटफॉर्म बनाने की मांग ने जोर पकड़ा है. प्लेटफॉर्म के अभाव में गाड़ियों को आउटर पर ही रोक दिया जाता है. न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर अत्यधिक ट्राफिक जाम की समस्या रहती है. जिसकी वजह से किशनगंज की ओर से आनेवाली गाड़ियों को रानीडांगा और गुवाहाटी की ओर से आने वाली गाड़ियो जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन पर ही रोक दिया जाता है. इससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है. लेकिन न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म बढ़ाने की दिशा में कोई पहल अब तक नहीं किया गया है.
यह मामला रेलवे प्रबंधन के लिए विचाराधीन है. जबकि सिलीगुड़ी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पांचवा प्लेटफॉर्म बनाने की मांग पर सहमति बन गयी है. पत्रकारों से मुखातिभ होते हुए डीआरएम श्री चंद्र प्रकाश ने सिलीगुड़ी जंक्शन पर पांचवा प्लेटफॉर्म बनाने का निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने का आश्वासन दिया है.
न्यू जलपाईगुड़ी से सिलीगुड़ी जंक्शन रेलवे स्टेशन के रास्ते डुआर्स होते हुए गुवाहाटी की ओर जानेवाली लाइन के आसपास अतिक्रमण की काफी समस्या है. सिलीगुड़ी जंक्शन से माटीगाड़ा के रास्ते किशनगंज को जानेवाली लाइन के आसपास भी अतिक्रमण की समस्या अधिक है. इन अतिक्रमण को हटाने के लिए रेलवे प्रबंधन कई बार प्रयास कर चुकी है, लेकिन अधिकारियों को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. इस समस्या पर डीआरएम चंद्र प्रकाश गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार की सहायता के बिना अतिक्रमण को मुक्त कराना संभव नहीं है. जबकि राज्य सरकार इस दिशा में सकारात्मक सहायता नहीं कर रही है.
यहां उल्लेखनीय है कि पहाड़ी इलाकों में बार-बार होने वाले भू-स्खलन व अन्य प्राकृतिक आपदाओं की वजह से ट्वॉय ट्रेन परिसेवा बाधित होती रहती है. वर्तमान में घूम व दार्जिलिंग के बीच ट्वॉय ट्रेन परिसेवा जारी है. जबकि न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक यह परिसेवा बंद है. कटिहार प्रखंड के डीआरएम ने बताया कि विश्व धरोहर को बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए हम लगातार प्रयासरत हैं. प्राकृतिक आपदाओं की वजह से न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक ट्वॉय ट्रेन परिसेवा बीच-बीच में बाधित होती रहती है. 20 दिसंबर तक लाइन ठीक करवाकर न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक ट्वॉय ट्रेन परिसेवा चालू कराने की संभावना है.