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हावड़ा के उलबेड़िया के कुलगछिया क्षेत्र में बोले मुकुल, बंगाल में हो रही लोकतंत्र की हत्या

हावड़ा: उलबेड़िया के कुलगछिया में एक परिवर्तन सभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आये मुकुल राय ने कहा कि बदला नहीं, बदल चाहिए का स्लोगन लगाकर सत्ता में काबिज होनेवाली तृणमूल कांग्रेस की यह सरकार अब बदला लेने में जुटी है. राज्य में लोकतंत्र नहीं बचा है. इस सरकार ने गणतंत्र […]

हावड़ा: उलबेड़िया के कुलगछिया में एक परिवर्तन सभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आये मुकुल राय ने कहा कि बदला नहीं, बदल चाहिए का स्लोगन लगाकर सत्ता में काबिज होनेवाली तृणमूल कांग्रेस की यह सरकार अब बदला लेने में जुटी है. राज्य में लोकतंत्र नहीं बचा है. इस सरकार ने गणतंत्र की हत्या कर दी है. अन्याय का विरोध करने पर झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची जाती है. इतिहास किसी को माफ नहीं करता है. आनेवाले दिनों में हिसाब हो जायेगा.

मुकुल राय ने कहा कि जिस तरह से राज्य की जनता ने वाममोर्चा की सरकार को उखाड़ फेंका था, वही जनता कुछ ऐसा ही आनेवाले चुनाव में वर्तमान सरकार के साथ करेगी. सामने पंचायत आैर उपचुनाव की तैयारी तृणमूल कांग्रेस ने शुरू कर दी है. कैसे मतदाताओं को मतदान केंद्र तक जाने से रोका जाये, इसके लिए अभी से विचार हो रहा है.
श्री राय ने कहा कि पुलिस अधीक्षक को तृणमूल कांगेस का जिलाध्यक्ष व प्रत्येक थाना के प्रभारी को ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया है, ताकि चुनाव में धांधली करने में परेशानी नहीं हो. मुकुल ने कहा कि पहले ज्योति बसु उद्योगपतियों से मिलने के लिए विदेश दौरा करते थे आैर अब ममता बनर्जी करती हैं. अंतर यही है कि ममता बनर्जी अपने साथ 40 सदस्यों की एक टीम लेकर जाती हैं. तृणमूल कांग्रेस अब एक राजनीतिक पार्टी नहीं रही. अब यह दल तृणमूल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गयी है. मैं ये सब बातें वर्ष 2015 से बोलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मौका नहीं मिला.
अब बंगाल प्रभारी व भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय आैर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुझे कहने का अवसर दिया है, इसलिए मैं अब कहना शुरू किया हूं. इस सभा के दौरान विभिन्न दलों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थामा.
मुकुल-अभिषेक मामले की सुनवाई टली अब एक दिसंबर को होगी सुनवाई
कोलकाता. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मुकुल राय द्वारा दायर किया गये मानहानि के मुकदमे की सुनवाई की तारीख टल गयी है. अब इस मामले में सुनवाई एक दिसंबर को होगी.
उल्लेखनीय है कि 10 नवंबर को कोलकाता के रानी रासमणि एवेन्यू में विश्व बांग्ला मुद्द पर अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मुकुल राय ने आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि विश्व बांग्ला कोई सरकारी संस्थान नहीं है, बल्कि एक कंपनी है और उस कंपनी के मालिक अभिषेक बनर्जी हैं.
उनके आरोप लगाने के तुरंत बाद राज्य सरकार ने साफ किया था कि विश्व बांग्ला पश्चिम बंगाल सरकार का ब्रांड है. इसका व्यक्तिगत मालिकाना नहीं है. इसके बाद 13 नवंबर को अभिषेक बनर्जी ने उनको कानूनी नोटिस भेजकर कहा था कि विश्व बांग्ला और जागो बांग्ला के वह मालिक नहीं है. मुकुल राय पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनसे 48 घंटे के अंदर माफी मांगने को कहा गया था. माफी नहीं मांगने पर उनके खिलाफ मुकदमा करने की बात कही गयी थी. इसके बाद 15 नवंबर को मुकुल राय के वकील सोम मंडल ने अभिषेक के पत्र का जवाब देते हुए कहा था कि सात दिन के अंदर मुकुल राय के खिलाफ जो नोटिस दिया गया है, वह अगर वापस नहीं लिया जाता है, तो उनके खिलाफ नोटिस अगर वापस नहीं लिया जाता है, तो वह कानून कार्रवाई करेंगे. इसके बाद 21 नवंबर को अलीपुरदुआर कोर्ट में मुकुल राय के खिलाफ अभिषेक बनर्जी ने मानहानि का मामला कर दिया.
इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि 14 दिसंबर तक मुकुल राय अभिषेक बनर्जी को लेकर कोई भी बयान नहीं देंगे. इसके बाद, 23 नवंबर को मुकुल राय ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अभिषेक के खिलाफ मानहानि का मामला कर दिया. जिस पर शनिवार को सुनवाई होनेवाली थी. लेकिन अब उस पर सुनवाई एक दिसंबर को होगी.
कोई कुर्सी खाली नहीं रहती : कैलाश
कोलकाता. भाजपा की खबर रखने वाले इस बात से वाकिफ हैं कि मुकुल राय के भाजपा में आने व दिल्ली नेतृत्व द्वारा उनको ज्यादा तरजीह दिये जाने के मामले को प्रदेश भाजपा के नेता पचा नहीं पा रहे हैं. खुद पार्टी के लोग जल्द ही नेतृत्व बदलाव की संभावना जता रहे हैं. ऐसे में शनिवार को जब संवाददाता सम्मेलन बुलाया गया था उस वक्त मंच पर कैलाश विजयवर्गीय, सांसद स्वपन दासगुप्ता, महामंत्री देवश्री चौधुरी, मुकुल राय, बाबुल सुप्रियो, जयप्रकाश मजुमदार मौजूद थे. सभी अपनी सीट पर विराजमान थे. सबको इंतजार था प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का, लेकिन वह एक कार्यक्रम में व्यस्त थे. आने में वक्त लग रहा था. इस पर कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाता सम्मेलन शुरू करते हुए मुकुल राय को बोलने को कहा. तब मुकुल राय ने कहा कि उनके कमांडर दिलीप घोष को आ जाने दीजिये, क्योंकि उनकी कुर्सी अभी भी खाली है. इस पर कैलाश विजयवर्गीय ने हंसते हुए कहा कि कोई कुर्सी खाली नहीं रहती, जल्द ही भर जायेगी. इसी बीच दिलीप घोष आ जाते हैं और संवाददाता सम्मेलन शुरू होता है. बाद में जब हावड़ा के कुलगछिया में भाजपा की सभा होती है तो वहां पर मुकुल राय ममता बनर्जी पर लगातार हमला बोलते हुए कहते हैं कि आज लोग कह सकते हैं कि इतने दिनों तक चुप क्यों था, तो उनके लिए जबाब है कि मैं 2015 में ही यह सब कहना चाहता था, लेकिन दिलीप दा ने मौका ही नहीं दिया. अब मौका मिला है तो खुल कर बोल रहा हूं. मुकुल के इस बयान और कैलाश विजयवर्गीय के बयान को जोड़ कर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं.

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