सीआइआइ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव दुष्यंत नारिआला ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में स्कूलों में सुरक्षा कमेटियां गठित की हैं, ताकि बच्चों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाये. इसमें स्वस्थ भोजन, न्यूट्रीशन, बाहरी तत्वों से संरक्षण, साइबर चुनाैतियों से सेफगार्ड, जैसे 25 मुद्दे शामिल हैं.
सरकार स्कूलों में बच्चों की बुलिंग को लेकर भी काफी चिंतित है. इस तरह की समस्या को सरकार खत्म करना चाहती है. सरकार ने 2000 सेकेंडरी स्कूलों में 4,000 ई-क्लासरूम डवलप किये हैं. सरकार के आइसीटी प्रोग्राम में 3,915 माध्यमिक स्कूलों को पिछले 5 सालों में 39,300 कंप्यूटर प्रदान किये गये हैं. स्कूल एक्सीलेंस कनक्लेव एक ऐसा फोरम है, जहां स्कूल शिक्षा से जुड़े कई शिक्षाविदों ने इंडस्ट्री सदस्यों व अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा किये. सीआइआइ नेशनल कमेटी के चैयरमैन व एल बी झा एंड कंपनी के सीनियर पार्टनर दीपंकर चटर्जी ने कहा कि मॉडर्न शिक्षा शास्त्र में बच्चे की उत्सुकता को भी महत्व दिया जाना चाहिए. सीआइआइ (पूर्वी क्षेत्र) की एजुकेशन सब-कमेटी के चैयरमेन काैशिक भट्टाचार्य ने कहा कि शिक्षा का मतलब केवल ज्ञान का विस्तार नही है बल्कि एक्सीलेंस को हासिल करना है. कार्यक्रम में सीआइआइ द्वारा बीएमएल मुंजलाल यूनिवर्सिटी के सहयोग से प्रोजेक्ट-हीरोज ऑफ टुमोरो-डिसकवर द हीरो इन यू- लांच किया गया. सीआइआइ के यंग इंडियंस (वाइआइ) के राष्ट्रीय स्तर के अभियान प्रोजेक्ट मासूम-पर भी चर्चा की गयी. बच्चों को याैन उत्पीड़न से बचाने के लिए यह योजना शुरू की गयी.