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निशाने पर: शिक्षा मंत्री के बाद अब खाद्य मंत्री पर बरसे मुकुल, हर मोर्चे पर राज्य सरकर फेल

कोलकाता: शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को बच्चा का खिताब देने के बाद भाजपा नेता मुकुल राय ने अब राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को बच्चा लड़का कह कर संबोधित किया है. भाजपा प्रदेश मुख्यालय मुरलीधर सेन लेन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बच्चे लड़के ने क्या बोल दिया, इस पर […]

कोलकाता: शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को बच्चा का खिताब देने के बाद भाजपा नेता मुकुल राय ने अब राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को बच्चा लड़का कह कर संबोधित किया है. भाजपा प्रदेश मुख्यालय मुरलीधर सेन लेन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बच्चे लड़के ने क्या बोल दिया, इस पर प्रतिक्रिया देने का सवाल नहीं उठता क्योंकि अभी कुछ दिन ही हुए हैं, वह उत्तर 24 परगना गया है. पहले कोलकाता में रहता था. अभी उसकी बातों का जबाब देने का वक्त नहीं है.
उल्लेखनीय है कि मुकुल राय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुये ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा था कि मुकुल राय के सिर पर ममता बनर्जी का हाथ नहीं रहता तो वह अपनी पहचान के भी मोहताज होते, उन्हें कोई नहीं पहचानता. खुद का पैंट शर्ट छोड़कर मुकुल के पास अपना कुछ नहीं है. वे आज जो भी हैं, ममता बनर्जी की बदौलत हैं, इसलिये मुकुल राय के तृणमूल कांग्रेस छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है. आनेवाले समय में देखियेगा कि उनकी गति क्या होती है.
मुकुल राय के बेटे व तृणमूल कांग्रेस के विधायक शुभ्रांशु राय के संबंध में श्री मल्लिक ने कहा कि वे भाजपा में जा ही सकते हैं. हमें कोई आपत्ति नहीं है. बाप-बेटे में लड़ाई हो रही है, इस बात का तो हम विश्वास ही नहीं करते हैं और किया भी नहीं जा सकता. यह सच है कि दोनों लुका-छूपी का खेल खेल रहे हैं. एक भाजपा में है और दूसरा तृणमूल कांग्रेस में. यह खेल ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा. ज्योतिप्रिय मल्लिक के इस बयान पर मुकुल राय ने कहा कि वह बच्चा लड़का है. हालांकि इसके पहले मुकुल राय तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को बच्चा लड़का के खिताब से नवाज चुके हैं. हालांकि शुभ्रांशु के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह समझदार हैं और खुद फैसला लेने की समझ उनके अंदर हैं.
इसके साथ ही मुकुल राय ने राज्य सरकार की विफलता को उजागर करते हुये कहा कि बंगाल सरकार हर मोरचे पर विफल साबित हो रही है. आलम यह है कि राज्य में रोजाना लोग डेंगू से मर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार स्थिति से निपटने की बजाय तथ्यों को छिपाने और मामले की लीपापोती में जुटी हुई है जबकि रोग महामारी का रूप लेते जा रहा है. लिहाजा सरकार को चाहिये कि इसके लिए त्वरित कदम उठाये.

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