कोलकाता : लोकप्रिय मिठाई रसगुल्ले को लेकर पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के बीच चली आ रही रस्साकशी अब समाप्त हो गयी है और यह तय हो गया है कि रसगुल्ला मूल रूप से पश्चिम बंगाल में बनना शुरू हुआ था. मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को रसगुल्ले के लिए भौगोलिक पहचान (जीआइ) टैग मिल गया.
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रसगुल्ला बंगाल का हो गया मिला जीआइ टैग
कोलकाता : लोकप्रिय मिठाई रसगुल्ले को लेकर पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के बीच चली आ रही रस्साकशी अब समाप्त हो गयी है और यह तय हो गया है कि रसगुल्ला मूल रूप से पश्चिम बंगाल में बनना शुरू हुआ था. मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को रसगुल्ले के लिए भौगोलिक पहचान (जीआइ) टैग मिल गया. […]
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को बताया कि उनके राज्य को रसगुल्ले के लिए भौगोलिक संकेत या जीआइ का दर्जा दिया गया है. इस समय लंदन में मौजूद ममता ने ट्वीट किया, हमारे लिए खुशखबरी है. हम इस बात को लेकर खुश एवं गौरवान्वित हैं कि पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले के लिए जीआइ का दर्जा दिया गया है. पश्चिम बंगाल और पड़ोसी ओड़िशा के बीच जून 2015 से इस बात को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है कि रसगुल्ले का मूल कहां है. विश्व व्यापार संगठन के तहत जीआइ एक ऐसा संकेत है जो किसी उत्पाद के किसी एक विशेष स्थान से उद्भव के बारे में बताता है.
किसने बनाया रसगुल्ला
रसगुल्ले के अविष्कार को लेकर दोनों राज्य वर्षों से लड़ रहे थे. एक तरफ ओड़िशा का कहना है कि सबसे पहले रसगुल्ला ओड़िशा में बना, जबकि पश्चिम बंगाल इसका अविष्कारक होने का दावा पेश कर रहा था. सालों तक चली जंग में अपना पक्ष पुख्ता करने के लिए दोनों राज्यों ने विशेष समितियां तक बिठा दी थी. दोनों ही पक्षों ने खुद को रसगुल्ले का पहला और निर्माता बताने के लिए काफी कोशिशें कीं और अंत में बंगाल ने यह जंग जीत ली. ओड़िशा में पहाल नाम के स्थान के रसगुल्ले काफी प्रसिद्ध है और यहां के रसगुल्लों पर जीआइ पंजीकरण हासिल करने के लिए ओड़िशा सरकार ने अनुमति मांगी थी. यहां के रसगुल्ले बंगाल भी जाते हैं.
रंग लायी मुख्यमंत्री की मेहनत
कहा जा रहा है कि रसगुल्ले को बंगाल का एकाधिकार दिलाने के लिए ममता बनर्जी काफी दिनों से प्रयासरत थीं. मुख्यमंत्री चाह रही थीं कि वह वैश्विक स्तर पर रसगुल्ले को बंगाल की मुख्य मिठाई के तौर पर पेश करें और इसीलिए वह जीआइ पंजीकरण हासिल करना चाह रही थीं. अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए ये राह आसान हो गयी है और वह जल्द ही रसगुल्ले को वैश्विक स्तर पर बंगाल का प्रतिनिधि बनायेंगी.
कहां तैयार हुआ सबसे पहला रसगुल्ला
कहा जा रहा है कि सबसे पहला रसगुल्ला बंगाल के प्रसिद्ध मिठाई विक्रेता नवीन चंद्र दास की दुकान पर बना था. यह बात 1868 के आस पास की है. तब उनकी दुकान पर काम करने वाले अधिकतर कारीगर बंगाल के उस हिस्से से आते थे जो अब ओड़िशा के रूप में अलग राज्य बन चुका है.
क्या कहा सीएम ने
रसगुल्ले को जीआइ टैग मिलने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘सभी के लिए अच्छी खबर है. पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले के लिए जीआइ टैग मिलने पर हम बेहद खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.’
क्या है जीआइ
भौगोलिक संकेतक (जीआइ) एक चिन्ह है जिसे वैसे उत्पाद को दिया जाता है जो स्थान विशेष से ताल्लुक रखता है और जिसकी वजह से उसकी विशेष गुणवत्ता या पहचान होती है. औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआइपीपी) के अंतर्गत आने वाला सेल फार आइपीआर प्रमोशन एंड मैनेजमेंट (सीआइपीएएम) ने ट्विटर पर दी जानकारी में कहा, बांगलार रसगुल्ला को भौगोलिक संकेतक का दर्जा मिला है. दार्जिलिंग टी, बनारसी साड़ी और तिरुपति का लड्डू कुछ ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें भौगोलिक संकेतक का दर्जा मिला है.
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