शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने संकेत दिया था कि विश्वविद्यालय को दिये गये फंड का ऑडिट कराया जायेगा. कुलपति ने कहा कि मुख्यमंत्री यदि विश्वविद्यालय में रिक्त सीटों को लेकर नाखुश हैं, तो उन्हें इसका अधिकार है. लेकिन यह सही नहीं है कि विश्वविद्यालय में 300 सीटें रिक्त पड़ी हैं. उन्होंने कहा कि रिक्त सीटों की संख्या 50 के आसपास है.
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव को इसकी पूरी रिपोर्ट दे दी गयी है कि ये सीटें क्यों रिक्त हैं. शिक्षा मंत्री द्वारा ऑडिट कराने के संकेत पर श्रीमती लोहिया ने कहा कि वह ऑडिट का स्वागत करती हैं. सरकार को इसका अधिकार है. वह पाई-पाई का हिसाब देने के लिए तैयार है. शिक्षकों द्वारा प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय छोड़ कर जाने के संबंध में कुलपति ने कहा कि 2015 से विश्वविद्यालय से केवल पांच शिक्षक छोड़ कर गये हैं, जबकि 45 नये शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनकी गलत छवि पेश कर रहे हैं और मीडिया में इस तरह की बातें फैलायी जा रही हैं.