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बंगाल : ब्रेन डेथ की घोषणा के बाद अंग दान

हृदय छोड़ कर लगभग सभी मुख्य अंगों का हुआ प्रत्यारोपण ग्रीन कॉरिडोर के जरिये 13 मिनट में 13 किमी का सफर तय कर किडनी व लीवर पहुंचा पीजी डोनर के अभाव में नहीं हुआ हृदय का प्रत्यारोपण कोलकाता : महानगर में अंग प्रत्यारोपण के लिए फिर ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया. कॉरिडोर की मदद से […]

हृदय छोड़ कर लगभग सभी मुख्य अंगों का हुआ प्रत्यारोपण
ग्रीन कॉरिडोर के जरिये 13 मिनट में 13 किमी का सफर तय कर किडनी व लीवर पहुंचा पीजी
डोनर के अभाव में नहीं हुआ हृदय का प्रत्यारोपण
कोलकाता : महानगर में अंग प्रत्यारोपण के लिए फिर ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया. कॉरिडोर की मदद से दान किये गये एक किडनी व लीवर को प्रत्यारोपण के लिए एसएसकेएम (पीजी) अस्पताल पहुंचाया गया.
घटना महानगर के आरएन टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक सांइस की है. प्रबंधन के अनुसार गत गुरुवार को अस्पताल में कल्याणी सरकार (57) के ब्रेन डेथ की घोषणा की गयी थी. इसके बाद स्वास्थ्य भवन के वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचे. उन्होंने महिला के ब्रेन डेथ की पुष्टि की. कल्याणी सरकार हावड़ा के सांतरागाछी की रहनेवाली थीं.
मृतका के पुत्र दिप्तेश सरकार ने बताया कि उसकी मां को गत 28 अक्तूबर को सेरिब्रल अटैक आया था. इसके बाद उन्हें पहले गर्डेनरीच स्थित रेल अस्पताल ले जाया गया. सेहत में गिरावट को देखते हुए उन्हें महानगर के मुकुंदपुर स्थित आरएन टैगोर हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया गया.
अस्पताल के आइटीयू में उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया था. इलाज के दौरान गत सोमवार को फिर ब्रेन स्ट्रोक होने से उनकी सेहत और भी बिगड़ गयी. गुरुवार को अस्पताल ने ब्रेन डेथ की घोषणा कर दी. इसके बाद स्वास्थ्य भवन के चिकित्सकों व आला अधिकारियों के नेतृत्व में मरीज की चिकित्सीय जांच के बाद आधिकारिक तौर पर ब्रेन डेथ की पुष्टि की गयी. मृतका के परिजनों ने उसके अंग दान करने की इच्छा जतायी. स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ अदिति किशोर सरकार की देखरेख में अंग दान की प्रक्रिया संभव हुई.
मां की इच्छा के अनरूप हुआ अंग दान :
दिप्तेश ने बताया कि उनकी मां की इच्छा थी कि मरणोपरांत उनके सभी स्वस्थ्य अंग को दान कर दिया जाये. उनकी इच्छा के अनरूप ही परिवार ने यह फैसला लिया.
हृदय भी डोनेट करना चाहता था परिवार :
कल्याणी के परिजन हृदय भी दान करना चाह रहे थे. लेकिन प्रत्यारोपण के लिए मरीज नहीं मिलने के कारण यह संभव नहीं हो सका. अगर ऐसा होता, तो राज्य में पहली बार हृदय का प्रत्यारोपण संभव हो पाता.
ग्रीन कॉरिडोर का रूट :
कोलकाता पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर को तैयार किया गया. मुकुंदपुर-इएम बाइपास से होकर ग्रीन कॉरिडोर को तैयार किया गया. परमा आइलैंड, मां फ्लाइओवर, पार्क सर्कस 7 प्वाइंट, एजीसी बोस फ्लाइओवर से होते हुए अंगों को 13 मिनट 13 किलोमीटर का रास्ता तय करते हुए पीजी पहुंचाया गया. अंगों को अस्पताल के एम्बुलेंस से शाम के 4.40 बजे पीजी के लिए रवाना किया गया. इन अंगों को मात्र 13 मिनट में यानी 4.55 पीजी पहुंचा दिया गया.
नजीर बन गयीं हावड़ा की कल्याणी सरकार
इन अंगों का हुआ दान
कल्याणी की दोनों किडनी, लीवर और आंखे की कॉर्निया को दान कर दिया गया है. कॉर्निया एक निजी अस्पताल को दी गयी है.
पटना के रहनेवाले एक मरीज को मिली किडनी
कल्याणी की एक किडनी आरएन टैगोर में भर्ती 42 वर्षीय एक मरीज को दी गयी है. मरीज बिहार के पटना का रहनेवाला है. उस मरीज के परिजनों ने उसका नाम नहीं उजागर करने की इच्छा जतायी है. वहीं, एक किडनी पीजी में भर्ती मधुमिता विश्वास (26) को मिली है.
पीजी के ही मरीज सच्चिदानंद मिश्रा (54) को लीवर दान किया गया है. श्री मिश्रा कोलकता नेश्नल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के स्टॉफ हैं. पीजी में दोनों की ट्रांसप्लांट सर्जरी शाम करीब 7.20 बजे शुरू हुई, जो देर रात तक चली.

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