अभिजीत का आरोप है कि सुब्रत खुद को मोबाइल बनानेवाली कंपनी का मालिक बताया था. उसने फेसबुक में बातों ही बातों में उसे भी मोबाइल का धंधा शुरू करने का सुझाव दिया. यह सुझाव मानकर उसने सुब्रत को शुरुआत में 6100 रुपये ऑनलाइन भेजे. इसके बावजूद उसे धंधा शुरू करने के लिए मोबाइल नहीं भेजा गया. सुब्रत ने उससे और रुपये मांगे. इस पर उसने फिर से 12 हजार रुपये भेजे.
लेकिन फिर भी उसे मोबाइल नहीं मिला. अभिजीत ने शिकायत में कहा कि इस बार सुब्रत ने मोबाइल धंधा शुरू करने के लिए फिर से रुपये देने की बात कही. इसके बार सुब्रत को 44 हजार रुपये देने के लिए अभिजीत ने उसे सियालदह के निकट बुलाया. सियालदह के निकट प्राची सिनेमा के पास उसे वह रुपये सौंपे.
तभी सुब्रत ने कहा कि कुछ इंतजार करने पर मोबाइल का कंसाइनमेंट उसे मिल जायेगा. इसके बाद दोनों महात्मा गांधी रोड में स्थित एक होटल में गये. काफी देर इंतजार करने के बावजूद मोबाइल का कंसाइनमेंट नहीं आया. तब उसकी बातों में संदेह होने पर शोर मचाकर होटल के कर्मियों को अभिजीत ने इकट्ठा किया. इसके बाद सुब्रत को वहां से मोचीपाड़ा थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया. प्राथमिक पूछताछ में सुब्रत ने बताया कि इसी तरह से वह अन्य लोगों के साथ भी ठगी कर चुका है.