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मालदा मेडिकल कॉलेज में बुखार से दो और मरे

मालदा: मालदा मेडिकल कॉलेज में बुखार से दो और लोगों की मौत हो गयी. इनमें एक सिविक वॉलेंटियर और एक छात्र है. दोनों के परिजनों ने रोगियों की मौत डेंगू से होने का दावा किया है, लेकिन अस्पताल ने मौत के कारण में डेंगू नहीं लिखा है. मृत विप्लव पाल (14) का घर इंगलिशबाजार नगरपालिका […]

मालदा: मालदा मेडिकल कॉलेज में बुखार से दो और लोगों की मौत हो गयी. इनमें एक सिविक वॉलेंटियर और एक छात्र है. दोनों के परिजनों ने रोगियों की मौत डेंगू से होने का दावा किया है, लेकिन अस्पताल ने मौत के कारण में डेंगू नहीं लिखा है. मृत विप्लव पाल (14) का घर इंगलिशबाजार नगरपालिका के बूड़ाबूड़ीतला में है.
वह एक स्थानीय स्कूल में नौवीं में पढ़ता था. उसके एक रिश्तेदार संजीव कुंडू ने बताया कि शनिवार शाम को तेज बुखार के चलते विप्लव को मालदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया. रविवार सुबह से उसकी स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी. परिवार ने मौत का कारण डेंगू बताया है. दूसरा मृतक कैश अली इंगलिशबाजार के शोभानगर का रहनेवाला था और मिलकी पुलिस चौकी में सिविक वॉलेंटियर के रूप में तैनात था. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, कैश अली तीन दिनों से बुखार से पीड़ित था. मिलकी अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर प्राइवेट में खून जांच करायी गयी थी, जिसमें डेंगू का पता चला था. इसके बाद कैश को मालदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया, जहां रविवार की सुबह उसकी मौत हो गयी. डॉक्टर ने मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत का कारण सेप्सिस और ब्लीडिंग लिखा है.
डेंगू और अज्ञात बुखार से लगातार हो रही मौतों से पूरे मालदा जिले में दहशत है. जिले के इंगलिशबाजार, कालियाचक, मानिकचक, ओल्ड मालदा, हबीबपुर, गाजोल, चांचल ब्लॉकों में बहुत से लोग बुखार से पीड़ित हैं. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बुखार के सभी मरीजों को डेंगू नहीं है. हालांकि कई लोग डेंगू से भी पीड़ित हैं. इंगलिशबाजार और ओल्ड मालदा नगरपालिकाओं के चेयरमैनों निहार घोष और कार्तिक घोष ने बताया कि आम जनता को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा रहा है. साथ ही साफ-सफाई पर भी विशेष नजर रखी जा रही है.
दूसरी तरफ वाम मोर्चा ने प्रशासन और नगरपालिकाओं को डेंगू से मुकाबले में पूरी तरह विफल बताते हुए सोमवार को इंगलिशबाजार नगरपालिका अभियान घोषित किया है. वाम मोर्चा के जिला संयोजक अंबर मित्र ने कहा कि रोज सैकड़ों लोग बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. जिला सदर की स्थित भी चिंताजनक है. मुख्यमंत्री और प्रशासन के दबाव में डॉक्टर डेंगू की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंगलिशबाजार शहर में कचरे का ढेर जमा है. नगरपालिका चेयरमैन आम लोगों को सचेत होने की सलाह देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो रहे हैं. इसी के विरोध में हमलोग आंदोलन में उतर रहे हैं.
इधर, तृणमूल के जिला अध्यक्ष मोअज्जम हुसैन ने वाम मोर्चा के आंदोलन को बेवजह की हुज्जत बताया है. उन्होंने कहा कि बीमारी के नाम पर वाम मोर्चा राजनीति कर रही है.

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