कोलकाता: राज्य में डेंगू एक बार फिर महामारी का रूप धारण कर रहा है. महानगर समेत राज्यभर में डेंगू का प्रकोप जारी है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सोमवार रात तक राज्य में करीब 13881 लोग इस मच्छर जनित बीमारी की चपेट में आ चुके हैं और अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है. यही स्थिति महानगर की है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार महानगर में अब तक तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि गैर सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 10 से अधिक लोगों की मौत सिर्फ महानगर में हुई है.
कोलकाता नगर निगम के लाखों जतन के बाद भी महानगर में डेंगू पांव पसारता जा रहा है. महानगर के 10, 11 और 12 नंबर बोरो में डेंगू का सबसे अधिक प्रकोप है. ऐसे में इस बीमारी के प्रकोप से महानगरवासियों को दूर रखने के लिए कोलकाता नगर निगम की ओर से विशेष योजना तैयार की गयी है. यह जानकारी मेयर परिषद सदस्य (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने दी. उन्होंने बताया कि उक्त तीनों बोरो में कई स्थानों पर खाली जमीनें पड़ी हुई हैं.
वहीं जमीन के मालिक कभी सफाई भी नहीं करवाते हैं. ऐसे में आसपास के लोग इन खाली पड़ी जमीनों पर घर की गंदगी फेंकते रहते हैं. गंदगी व पानी जमने के कारण इन खाली पड़े जमीन में डेंगू का लार्वा पनप जाता है जिसके कारण इसके आसपास रहनेवाले लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं और इन बोरो के अंतर्गत आनेवाले वार्डों में ही डेंगू का सबसे अधिक प्रकोप है. ऐसे में निगम ने शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम को इन खाली पड़ी जमीनों को जब्त करने का प्रस्ताव देेने का निर्णय लिया है ताकि सरकार कानून तैयार कर इन खाली पड़ी जमीनों को जब्त करे. श्री घोष ने कहा कि केवल फाइन लगाने मात्र से जमीन को खाली रखनेवाले मालिकों के मन में भय पैदा नहीं होगा. इसलिए सरकार को डेंगू की रोकथाम के लिए इन खाली पड़ी जमीनों के लिए सख्त कानून तैयार करना होगा.
नवंबर से निगम स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति पर विशेष नजर
निगम के स्वास्थ्य कर्मियों के दफ्तर में उपस्थिति पर नजर रखने के लिए अब नियमित के रूप से अटेंडेंस रजिस्टर की जांच की जायेगी. इसके लिए प्रतिदिन विभिन्न बोरो के हेल्थ एक्जीक्यूटिब को निगम के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के बोरो के अंतर्गत आनेवाले हेल्थ सेंट्ररों में कार्यरत कर्मियों के अटेंडेंस की जानकारी देनी होगी. अाला अधिकारियों को एसएमएस के जरिए अनिवार्य रूप से जानकारी देनी होगी.