कोलकाता: महानगर स्थित सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा (दमदम एयरपोर्ट) पर लगाये गये सौर ऊर्जा संयंत्र से अब पूरा शहर रोशन होगा. कोलकाता के दमदम एयरपोर्ट पर परीक्षण के तहत 88 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र उत्पादन शुरू करने को लगभग तैयार है. इसके सीइएससी ग्रिड से जुड़ने के साथ ही संयंत्र कोलकाता में वैकल्पिक ऊर्जा का सबसे बड़ा श्रोत बन कर उभरेगा और महानगर में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो सकेगी.
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अब हवाईअड्डे से गुलजार होगा महानगर
कोलकाता: महानगर स्थित सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा (दमदम एयरपोर्ट) पर लगाये गये सौर ऊर्जा संयंत्र से अब पूरा शहर रोशन होगा. कोलकाता के दमदम एयरपोर्ट पर परीक्षण के तहत 88 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र उत्पादन शुरू करने को लगभग तैयार है. इसके सीइएससी ग्रिड से जुड़ने के साथ ही […]
एक अनुमान के मुताबिक हवाई अड्डे का बिजली बिल छह करोड़ से घटकर 4.75 करोड़ रुपये प्रति माह हो सकता है. इस आधार पर वार्षिक बचत 15 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. सीइएससी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि सौर ऊर्जा संयंत्र उत्पादन को तैयार है.
वर्तमान में सीइएससी ग्रिड से सौर ऊर्जा उत्पादन करीब 8.5 मेगावाट है. उल्लेखनीय है कि महानगर में जगह की कमी के कारण सौर ऊर्जा इकाई स्थापित करना परेशानी का सबब है चूंकि रनवे के बगल में काफी जमीन खाली पड़ी है, इसलिए यह सौर ऊर्जा उत्पादन का बेहतर केंद्र बनकर उभरा है. इसके साथ ही कोलकाता एयरपोर्ट ने यात्रियों की संख्या को देखते हुए बड़ी योजना तैयार कर ली है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले चार साल में कोलकाता एयरपोर्ट से चार करोड़ लोग उड़ान भर सकते हैं. इसको देखते हुए एयरपोर्ट प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है.
एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अिधकारी ने कहा कि एयरपोर्ट पर अपनी अधिकतम सीमा दो करोड़ यात्रियों तक पहुंचने ही वाला है. इसलिए हमने एयरपोर्ट विस्तार के अगले चरण पर काम करना शुरू कर दिया है. अगले चार सालों में एयरपोर्ट का इस तरह विस्तार किया जाएगा कि सालाना चार करोड़ यात्रियों का आवागमन हो सके. जब 2013 में नए टर्मिनल का उद्घाटन किया गया था, उस वक्त एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या 90 लाख से कुछ ही अधिक थी. उस वक्त की संख्या को देखते हुए इसे दो करोड़ यात्रियों के लिए उपयुक्त माना गया था.
पिछले चार साल में सालाना सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़कर 160 लाख हो गई है. वृद्धि की यह रफ्तार 77.8 फीसदी है. यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि अगले साल तक यहां पर जगह की काफी कमी होगी. जगह की इस कमी को देखते हुए हमें तत्काल ही एयरपोर्ट विस्तार के लिए काम करना होगा.
एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना है कि एयरपोर्ट विस्तार के पहले फेज में हमारी योजना पुराने टर्मिनल से नए टर्मिनल को जोड़ने की है. इसके लिए एयरोब्रिज और वॉकटेकर्स का प्रयोग किया जाएगा. एक एयरपोर्ट अधिकारी ने कहा कि हम एक कॉरिडोर से पुराने टर्मिनल को जोड़ेंगे. पुराने टर्मिनल से नए कॉरिडोर को 3 एयरब्रिज के सहारे जोड़ा जाएगा. साथ ही ग्राउंड फ्लोर पर भी वॉक-इन गेट बनाए जाएंगे. इस पुरानी बिल्डिंग का इस्तेमाल बोर्डिंग और डी-बोर्डिंग के लिए किया जाएगा. ओल्ड टर्मिनल पर उतरने वाले यात्रियों को कनेक्टिंग ब्रिज का इस्तेमाल कर नए टर्मिनल तक जाना होगा, जहां से यात्री पुराने एयरपोर्ट से बाहर निकल सकेंगे.
दूसरा सौर संयंत्र : दमदम हवाई अड्डे पर यह दूसरा सौर संयंत्र है. कुछ साल पहले 2 एमडब्ल्यू रूफटॉप प्लांट को 10.5 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इसके लिए दमदम एयरपोर्ट प्रबंधन ने सीइएससी के साथ करार किया है. संयंत्र चालू होने पर हमारे बिजली बिल में पर्याप्त बचत की उम्मीद है. संयंत्र हवाई अड्डे पर है, लिहाजा इससे हवाई अड्डे को पर्याप्त बिजली मिलने के साथ आमदनी भी बढ़ेगी.
सीइएससी ग्रिड में बिजली की आपूर्ति करने से पहले इसका परीक्षण किया जा रहा था. कुल मिलाकर 45,454 सौर पैनल रनवे के पूर्व में 65 एकड़ जमीन पर लगे हैं. प्रत्येक की बिजली उत्पादन क्षमता 330 वाट है. एक संयंत्र में 15 मेगावाट सौर ऊर्जा की तत्काल उत्पादन क्षमता है. इससे उम्मीद है कि प्रति माह 1.3 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी, जिससे 1,000 घंटे तक बिजली बहाल रखी जा सकती है.
एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी
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