कोलकाता. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षा के कारण ही एसआइ अमिताभ मल्लिक की जान गयी है. इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. राज्य सरकार की तरफ से संवेदना जतायी जा रही है. यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरे मामले में लग रहा […]
कोलकाता. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षा के कारण ही एसआइ अमिताभ मल्लिक की जान गयी है. इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. राज्य सरकार की तरफ से संवेदना जतायी जा रही है. यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरे मामले में लग रहा है कि हकीकत को छिपाया जा रहा है, ताकि विमल गुरुंग को मारना आसान हो और तृणमूल कांग्रेस पहाड़ पर कब्जा कर सके. दिलीप घोष ने यह आरोप साॅल्टलेक स्थित इस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर में चल रही प्रदेश कार्यकारिणी की सभा को संबोधित करते हुए लगाया.
उन्होंने कहा कि पहाड़ को अशांत कर गोरखा जाति को देश विरोधी साबित करने की कार्रवाई के तहत राज्य सरकार गुरुंग को आतंकवादी व देशद्रोही साबित करने पर तुली हुई है. उन पर कई तरह का आरोप लगाकर पहाड़ पर कब्जा करने का प्रयास हो रहा है. इतना ही नहीं, विमल को दुनिया से ही हटाने की साजिश हो रही है, इसलिए बार-बार इनकाउंटर किया जा रहा है.
सिक्किम में हुआ, फिर पहाड़ पर भी. वह भागकर बच रहे हैं. सरकार एक एसआइ की मौत को मीडिया के मार्फत सामने ला रही है, जबकि विमल के एक सहयोगी की भी मौत हुई है. राज्य सरकार और पुलिस की बात पर यकिन किया जाये, तो इनकाउंटर में दूसरे पक्ष के कितने लोग मरे हैं, इसे भी बताया जाना चाहिए. पुलिस की तरफ से जो हथियार दिखाये जा रहे हैं, वे पुलिस के भी हो सकता हैं और कामतापुरी जैसे आक्रमक आंदोलन के समय जब्त किये गये हथियार भी सकते है.
उन्होंने कहा यह सब साजिश है. क्योंकि वह जब बंद खत्म होने के बाद दार्जिलिंग सफर पर गये थे, तो आमलोगों का जिस तरह से उन्हें समर्थन और प्यार मिला, वह अभूतपूर्व था. लोग शांति से रहना चाहते हैं. लेकिन सत्ता पक्ष की शह पर गुरुंग पर हमला हुआ. उससे साफ होता है कि सरकार हिंसा के दम पर पहाड़ पर कब्जा करना चाहती है. हिंसा और बंदूक के दम पर कभी भी किसी भी जन आंदोलन को रोका नहीं जा सकता है. इसके लिए जरूरी है लोगों के मन को जीतना. वहीं, पुलिस लोगों को झूठे मामले में फंसा रही है. पुलिस और सेंट्रल फोर्स को अनैतिक काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है. इसे लेकर आमलोगों में नाराजगी है. इसे दबाने के लिए राज्य सरकार को गोली का सहारा लेना पड़ रहा है. इस वजह से पुलिस के एक जवान की जान गयी. दूसरी तरफ कितनी जानें गयीं, इसका कोई हिसाब नहीं है. यह बहुत ही दुखद है.
एसआइ उग्रवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गये हैं और उन उग्रवादियों का समर्थन करना राष्ट्रद्रोह है़ बंगाल की संस्कृति दिलीप घोष को कभी माफ नहीं करेगी़ उनके बयान से हमारा सिर शर्म से झुक गया है़ इस दुख की घड़ी में राज्य सरकार शाेकसंतप्त परिवार के साथ खड़ी है़ शहीद एसआइ की मौत को लेकर भाजपा राजनीति कर रही है, इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकती है़
पार्थ चटर्जी, राज्य के शिक्षा मंत्री