कोलकाता: शहीद अमिताभ मल्लिक को शनिवार को हजारों नम आखों ने अंतिम विदाई दी. कोलकाता के नीमतल्ला श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ. इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम के शरत पल्ली स्थित उनके पैतृक आवास पर पहुंचा, जहां हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
गौरतलब है कि शुक्रवार को दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग के समर्थकों की गोलीबारी में एकआइ अमिताभ मल्लिक शहीद हो गये थे. गुरुंग के जंगल में एक कैंप में होने की सूचना पर पुलिस ने छापा मारा. इस दौरान पुलिस और गुरुंग समर्थकों में मुठभेड़ हो गयी. इसी गोलीबारी में अमिताभ मलिक शहीद हो गये.
परिवार के लोगों ने बताया कि कालीपूजा में वह घर आने वाले थे. कहा था कि सारी रात जाग कर वह कालीपूजा घूमेंगे. वह कालीपूजा से पहले ही आ गये, लेकिन ताबूत में बंद होकर. किसी ने भी एेसा नहीं सोचा था, वह इस तरह से घर लौटेंगे. दीपावली में रोशन होनेवाला घर अंधकारमय हो गया.
स्थानीय लोगों का कहना था कि अमिताभ इलाके के गौरव थे. वह शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहे. इलाके में होनेवाली कालीपूजा में भी वह सक्रिय रूप से शामिल होते थे. आमरा कजन मैदान में कालीपूजा के लिए अंतिम तैयारी चल रही थी और सोमवार को वह भी इस तैयारी में शामिल होनेवाले थे. लेकिन उसी मैदान में शनिवार को शहीद अमिताभ मल्लिक को गन सैल्यूट देेते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. इसके बाद उसके पार्थिव शरीर को कोलकाता के नीमतल्ला घाट पर लाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया.
पांच लाख का चेक सौंपा
शहीद के शव को बागडोगरा से महानगर के हवाई अड्डे पर दोपहर लाया गया. मल्लिक की पत्नी उनके शव के साथ थीं. उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक हवाई अड्डे पर शव पहुंचने के समय मौजूद थे और शहीद पुलिसकर्मी को पुष्पांजलि अर्पित की. दोनों मंत्रियों के साथ कुछ अन्य नेता और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शहीद पुलिसकर्मी के शव के साथ उनके पैतृक घर गये, जहां राज्य पुलिस ने डीजीपी सुरजीत कार पुरकायस्थ और अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें बंदूक की सलामी दी. चटर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से मृतक के परिजन को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा और परिवार के लोगों को आश्वासन दिया कि हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
सीएम ने जताया शोक
एसआइ अमिताभ मल्लिक की मौत पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अमिताभ काफी साहसी थे, वह व्यक्तिगत रूप से उन्हें पहचानती थीं. दार्जिलिंग में कई बार उनसे भेंट हुई थी. उनकी मौत से हुए शुन्य स्थान को भर पाना संभव नहीं है. शनिवार को राज्य सचिवालय नवान्न से निकलते समये इस घटना के बारे में पूछे जाने पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि बेहद मर्मांतिक घटना है. राज्य भर में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ अगले सप्ताह पहाड़ पर जायेंगे. वह वहां की परिस्थिति की समीक्षा करेंगे. सुश्री बनर्जी ने कहा कि नियमानुसार शहीद अमिताभ मल्लिक की पत्नी को तो नौकरी मिलेगी ही, साथ ही हम लोगों ने उनके पिता को नौकरी देने की व्यवस्था की है. हम सब उनके परिवार के साथ हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपनी कविता की दो पंक्तियाें को याद करते हुए कहा कि कल उसके शरीर में प्राण था, आज वह एक मर्मांतिक कॉफिन है.