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राज्यसभा व तृणमूल से दिया इस्तीफा, दुख के साथ पार्टी छोड़ी है : मुकुल

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित मुकुल राय ने पूर्व घोषणा के मुताबिक बुधवार को राज्यसभा और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को रास की सदस्यता से इस्तीफा सौंपने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राय ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का एलान किया. गौरतलब है […]

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित मुकुल राय ने पूर्व घोषणा के मुताबिक बुधवार को राज्यसभा और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को रास की सदस्यता से इस्तीफा सौंपने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राय ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का एलान किया.

गौरतलब है कि दुर्गापूजा के दौरान षष्ठी के दिन मुकुल राय ने तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन पार्टी की प्राथमिक सदस्यता नहीं छोड़ी थी. उस दिन उन्होंने एलान किया था कि वह पूजा बाद राज्यसभा की सदस्यता और पार्टी छोड़ देंगे. इस घोषणा के मुताबिक बुधवार को उन्होंने नयी दिल्ली में इस्तीफे का एलान कर दिया. इस्तीफा देने के बाद राय ने कहा: काफी दुख और वेदना के साथ मैंने इस्तीफा दिया है. मजबूर होकर मुझे इस्तीफा देना पड़ा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राय ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं है. ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि आरएसएस के साथ संपर्क करने के लिए ममता ही उन्हें कहती रही हैं. ममता बनर्जी का नाम लिए वगैर उन्होंने उन्हें सुविधा भोगी करार दिया. उन्होंने कहा : चुनाव आयोग के पास तृणमूल कांग्रेस के लिए मैंने ही आवेदन किया था. 1997 के 17 दिसंबर को मेरे आवेदन पर तृणमूल कांग्रेस का पंजीकरण हुआ था. पंजीकरण मेरे ही नाम से आया था. ममता बनर्जी को कांग्रेस ने जब निष्कासित किया तो उन्होंने मेरे नेतृत्व में तृणमूल की सदस्यता ली. 1998 में भाजपा के साथ तृणमूल कांग्रेस ने गठबंधन किया था.

ममता जब रेल मंत्री बनीं तब हमलोगों ने एलान किया था कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं है. साल 2007 तक भाजपा के साथ थी तृणमूल कांग्रेस. ममता बनर्जी के निर्देश पर ही मैंने आरएसएस के साथ संपर्क किया था. हमलोग पार्टी कर्मी हैं किसी के नौकर नहीं हैं. जहां तक मेरा सवाल है मेरा आरएसएस, भाजपा समेत तमाम पार्टियों के नेताओं के साथ बेहतर संबंध हैं. किस पार्टी में जाऊंगा यह अभी तय नहीं है. छह महीना पहले ही मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला ले चुका था. भाजपा नेता अरुण जेटली, कैलाश विजयवर्गीय से मेरा रिश्ता है. उनके साथ मेरी बातचीत चल रही है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के साथ मेरा संपर्क बढ़िया है.

मुकुल राय ने कहा कि नारदा और सारधा मामले में पार्टी शामिल नहीं है. जो लोग आरोपी हैं वह व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल हैं. सीबीआइ ने मुझसे लगातार आठ घंटे तक पूछताछ की. उनको जो जानना था उन्होंने जान ली. मैंने देश के कानून का सम्मान किया. किसी भी जांच एजेंसी को सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार हूं. इसके साथ ही उन्होंने फिर तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी को बच्चा लड़का कह कर चुटकी ली. कहा कि उनको इतिहास पता नहीं है . उनके बारे में क्या बोलूं.

मुकुल राय ने कहा कि देशहित में आंचलिक दल घातक होते हैं . ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर ही पार्टी बनायी और बाद में उसके साथ ही हाथ मिलाया. आज उनके लिए कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. उसके साथ वह संपर्क रख रही हैं तो क्यों नहीं वह पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दे रही हैं. पार्टी के अंदर कई मुद्दों पर मेरा मतभेद था. क्षेत्रीय पार्टी व्यक्तिवाद पर चलती है जो देश के लिए घातक होता है. मैं पार्टी का सदस्य हूं किसी का नौकर नहीं. रहा सवाल मुझे गद्दार का खिताब देने का तो बंगाल की जनता इसका जवाब देगी. बंगाल के 77 हजार बूथों से मेरा नाता है. फिलहाल मैं राजनीति से छुट्टी ले रहा हूं. कुछ दिन आराम करूंगा और दीपावली बाद आगे की रणनीति का एलान करूंगा. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के साथ निकटता का संकेत देते हुए कहा कि दीपावली बाद मैं बता दूंगा कि मैं क्या करूंगा.

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