कोलकाता: सारधा कांड की जांच में अब एक नया मोड़ आ गया है. इस मामले में सलाखों के पीछे जाकर जमानत पर बाहर आये सांसद कुणाल घोष ने अपने फेसबुक पर नया खुलासा किया है. उन्होंने लिखा है कि सारधा कांड की जांच में कोलकाता पुलिस और राज्य पुलिस के जो सब अधिकारी जानबुझकर तथ्यों […]
कोलकाता: सारधा कांड की जांच में अब एक नया मोड़ आ गया है. इस मामले में सलाखों के पीछे जाकर जमानत पर बाहर आये सांसद कुणाल घोष ने अपने फेसबुक पर नया खुलासा किया है. उन्होंने लिखा है कि सारधा कांड की जांच में कोलकाता पुलिस और राज्य पुलिस के जो सब अधिकारी जानबुझकर तथ्यों को विकृत या नष्ट किये अथवा जो सबूत पाने के बावजूद उसका प्रयोग नहीं किये और प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास किये उनके खिलाफ मैंने जांच की मांग की थी.
इस बाबत मैंने सीबीआइ को एक याचिका भी दी थी. इसमें मैंने अपील की थी कि इस तरह के आरोपी पुलिस अधिकारियों के साथ जब पूछताछ हो, तो उस वक्त मैं भी उनके सामने रहूं. मेरी मौजूदगी से कई सच्चाई सामने आयेगी, जिसे वे लोग छिपाने की कोशिश करेंगे. मैं तब सीबीआइ के सामने उन्हें बताऊंगा कि उनलोगों ने क्या-क्या किया और उनको क्या करना चािहए था.
यह सबकुछ आमने-सामने की पूछताछ में ही सामने आयेगी. मेरी याचिका पर कार्यवाही करते हुए सीबीआइ ने एक विशेष पत्रवाहक के मार्फत उनके घर पत्र भेज कर देकर उसका लिखित जवाब दिया है. यह सकारात्मक पहल है. पत्र में उन्हें कुछ तकनीकी कार्यवाही करने को कहा गया है.
कुणाल घोष ने बताया : मैं जितनी जल्दी हो सकेगा, वह तकनीकी कार्यवाही पूरा कर लूंगा. ताकि सीबीआइ आगे की कार्रवाई कर सके. हालांकि उन्हें पता चला है कि एक विशेष तबका इस प्रक्रिया को रोकने में लगा है. उसके लिए वे पूरी ताकत लगा रहे हैं. कुणाल घोष ने कहा कि वह बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करते हैं. सीबीआइ की यह प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो, तो ही अच्छा होगा. क्योंकि कोलकाता पुलिस व राज्य पुलिस के वे अधिकारी स्वार्थी व बड़ी साजिश का हिस्सा हैं. जो खुद आज आरोपी बन बैठे हैं. इनमें तीन आीपीएस, कुछ इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, डब्ल्यूबीपीएस, पदाधिकारी व जांच अधिकारी हैं. बाद में फोन पर कुणाल घोष ने बताया कि किसी आरोपी की मांग पर को संदिधों के सामने बैठाकर पूछताछ करने की प्रक्रिया संभवत: पहली बार हो रही है.