कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार पहली बार भारत-बांग्लादेश की सीमा पर फैले सुंदरवन के जलीय क्षेत्रों में डॉल्फिन का विस्तृत सर्वेक्षण करायेगी. यह पहली बार है जब सुंदरवन में बाघों के अलावा किसी अन्य जीव-जंतुओं की प्रजातियों का इस तरह से एक व्यवस्थित और विस्तृत सर्वेक्षण राज्य स्तर पर होगा. डॉल्फिन के अलावा वन विभाग सुंदरवन […]
कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार पहली बार भारत-बांग्लादेश की सीमा पर फैले सुंदरवन के जलीय क्षेत्रों में डॉल्फिन का विस्तृत सर्वेक्षण करायेगी. यह पहली बार है जब सुंदरवन में बाघों के अलावा किसी अन्य जीव-जंतुओं की प्रजातियों का इस तरह से एक व्यवस्थित और विस्तृत सर्वेक्षण राज्य स्तर पर होगा. डॉल्फिन के अलावा वन विभाग सुंदरवन के द्वीपों में एवियन प्रजातियों के पक्षियों का भी सर्वेक्षण करवायेगा.
सुंदरवन बायोस्फियर रिजर्व (एसबीआर) के निदेशक डॉ आरपी सैनी ने यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि मई महीने में सुंदरवन से सटे रायदीघी में कुछ पर्यटकों द्वारा विलुप्तप्राय हो चुकी डॉल्फिन को देखे जाने के बाद राज्य वन विभाग ने सर्वे कराने का फैसला किया है. डॉ सैनी ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य सर्दियों के मौसम में यानी नवंबर-दिसंबर में शुरू होगा और इस कार्य में हमें भारतीय वन्यजीव संस्थान भी सहयोग करेगा. उन्होंने कहा, आमतौर पर डॉल्फिन बारिश के दौरान नहीं देखे जाते इसलिए हम नदी में जलस्तर के कम होने पर सर्दियों में सर्वेक्षण कार्य करेंगे.
सुंदरवन बायोस्फियर रिजर्व में फिलहाल पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां हैं जिनमें से कुछ लुप्तप्राय हैं. सर्दियों के मौसम में सुंदरवन इलाके में बड़ी संख्या में कई प्रकार की दुर्लभ देशी व विदेशी पक्षियां आती है. हम इस साल स्थानीय व प्रवासी पक्षियों का भी सर्वेक्षण करेंगे.
डॉल्फिनों व एवियन पक्षियों के सर्वेक्षण कार्य में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों से भी परामर्श लिया जायेगा. डॉल्फिन को बचाने के लिए बांग्लादेश सरकार ने 2012 में तीन डॉल्फिन अभ्यारण्य भी बनाए थे जो नदियों और नहरों के करीब 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मैनग्रोव वन में स्थित है.
उल्लेखनीय है कि 2010 में वन्यजीव संरक्षण सोसाइटी और बांग्लादेश सेटेसियन डायवर्सिटी प्रोजेक्ट के संयुक्त सर्वेक्षण में भारत व बांग्लादेश की सीमा पर हजारों एकड़ में फैले सुंदरवन क्षेत्र में 225 गंगा डॉल्फिन, 6000 से ज्यादा इर्रादेडी डॉल्फिन, 1000 से अधिक बॉट्लिनॉज डॉल्फिन सहित बड़ी संख्या में इंडो- पैसेफिक हंपबैक्स डॉल्फिन व स्पिनर डॉल्फिन की मौजूदगी का पता पता चला था.