दुर्गापूजा आनंद का त्योहार है और मोहर्रम शोक का, लेकिन ममता बनर्जी अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण दुर्गापूजा को शोक का त्योहार बना दी है. यह ज्यादा दिन चलने वाला नहीं. दोनों संप्रदाय अपने-अपने तरह से त्योहारों का पालन करे़ इसके लिए सुरक्षा की व्यवस्था करना राज्य सरकार का काम है़. पिछले साल भी कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगायी थी़ इस बार भी वही होने वाला है़
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विसर्जन के मुद्दे पर राज्य को पड़ेगी फटकार : दिलीप
कोलकाता़: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से दुर्गा के विसर्जन पर रोक लगाने के मामले पर कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी यह मामला कोर्ट में गया है़. इस वर्ष भी राज्य सरकार को कोर्ट की फटकार सुननी पड़ेगी़ यह बात उन्होंने उत्तर […]
कोलकाता़: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से दुर्गा के विसर्जन पर रोक लगाने के मामले पर कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी यह मामला कोर्ट में गया है़. इस वर्ष भी राज्य सरकार को कोर्ट की फटकार सुननी पड़ेगी़ यह बात उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले के बनंगाव में एक पार्टी की बैठक के दौरान कही़ उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ममता बनर्जी को विसर्जन पर रोक लगाने के लिए नहीं, बल्कि त्योहारों में सुरक्षा की उचित व्यवस्था करने के लिए राज्य की सत्ता सौंपी है़ .
रोहिंग्या मुद्दे पर टांग न अड़ायें ममता : दिलीप
स्वामी विवेकानंद के शिकागो सम्बोधन के 125वें वर्ष पूर्ति के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने रोहिंग्या मुद्दे पर ममता को किसी प्रकार की टिप्पणी से दूर रहने की नसीहत दी. उन्होंने कहा ‘ममता अपने काम पर ध्यान दें, रोहिंग्या मुद्दा जिससे संबंधित है, उसे ही समाधान करने दें. इसमें टांग अड़ाने की जरूरत नहीं है.’ पूजा के दौरान रैली निकालने पर अड़े भगवा ब्रिगेड को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देने वाले ममता बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए दिलीप ने कहा कि लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि कौन आग से खेल रहा है. हमलोग तो बाल्टी में पानी लेकर घूम रहे हैं. दार्जिलिंग की स्थिति पर इंक्वायरी करने की जरूरत नहीं है यह सभी को पता है कि वहां क्या हो रहा है, क्योंकि वहां दीदी की तरफ से बैटिंग करने वाला कोई नहीं था इसलिए दीदी ने विजय तमांग नामक अपने टट्टू को वहां बैटिंग करने के लिए उतारा है, जिस प्रकार से दीदी दार्जिलिंग में जनमुक्ति मोर्चा को ललकार आग लगा कर आयी हैं.
वैसे ही विजेता तमांग भी वहां जाकर आग लगा रहे हैं. वहां के जन जीवन को स्वभाविक नहीं होने दे रहे हैं. वास्तव में ममता बनर्जी की पूंछ में आग लग गई है और अपने आप को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं.
बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति चरम पर : भाजपा
राज्य में तुष्टीकरण की राजनीति चरम सीमा पर है. दुर्गापूजा को लेकर राज्य सरकार के एक के एक आदेश स्तब्ध करने वाले हैं. राज्य सरकार ने पहले दुर्गापूजा के विसर्जन पर रोक लगायी, फिर नवमी पर हिंदुओं द्वारा निकाले जानेवाली रैली पर रोक लगाने का आदेश दिया है. सिर्फ एक समुदाय के हितों को देखते हुए मुख्यमंत्री यह निर्णय ले रही हैं. ऐसा ही आरोप भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने लगाया है. श्री बसु ने कहा कि अभी बंगाल में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की संख्या 30 प्रतिशत है तो मुख्यमंत्री का यह रवैया है. अगर यहां उनकी संख्या 50 प्रतिशत या उससे अधिक हो जाती तो क्या यहां दुर्गापूजा भी बंद हो जाती. तृणमूल की तुष्टीकरण की राजनीति के खिलाफ भाजपा का आंदोलन जारी रहेगा.
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