हल्दिया. ब्लू ह्वेल का आतंक राज्य में क्रमश: फैल रहा है. अब पूर्व मेदिनीपुर के हल्दिया के सूताहाटा में यह देखा गया. लेकिन इस बार आत्महत्या की कोशिश नहीं हुई है. मां-बाप से डेढ़ लाख रुपये की बाइक खरीदने की जिद बेटा कर रहा था. यह न देने पर गौरांगपुर के रहने वाले दसवीं के […]
हल्दिया. ब्लू ह्वेल का आतंक राज्य में क्रमश: फैल रहा है. अब पूर्व मेदिनीपुर के हल्दिया के सूताहाटा में यह देखा गया. लेकिन इस बार आत्महत्या की कोशिश नहीं हुई है. मां-बाप से डेढ़ लाख रुपये की बाइक खरीदने की जिद बेटा कर रहा था. यह न देने पर गौरांगपुर के रहने वाले दसवीं के एक छात्र ने घर में तोड़फोड़ की तथा अपने मां-बाप और बड़े भाई से हाथापाई तक कर ली.
इसके बाद उसके हाथ में ब्लू ह्वेल की तस्वीर देखी गयी. घरवालों ने सूताहाटा थाने में इसकी खबर दी. पुलिस ने आकर छात्र का मोबाइल जब्त कर लिया. चिकित्सा के लिए उसे तमलुक अस्पताल में भर्ती कराया गया. पता चला है कि गत रविवार को उसने यह गेम डाउनलोड किया था और रात 12 बजे से भोर चार बजे तक वह खेलता रहा.
18 स्टेज में से उसने 18 स्टेज पूरे कर लिये थे. 19वें स्टेज के लिए उसे डेढ़ लाख रुपये का बाइक खरीदने के लिए कहा गया. छात्र के मुताबिक बाइक खरीदने से माता-पिता के मना करने की स्थिति में उनकी हत्या करने के लिए कहा गया. जब छात्र के माता-पिता ने बाइक खरीदने से मना किया तो उसने घर में कोहराम मचा दिया. उसके पिता ने जब छात्र के हाथ पर ब्लू व्हेल की तस्वीर देखी तो उन्हें माजरा समझ में आया और उन्होंने पुलिस में इसकी सूचना दी. दो दिन की चिकित्सा के बाद छात्र को घर ले जाया गया. सूताहाटा थाने के प्रभारी जलेश्वर तिवारी ने कहा कि इस गेम के संबंध में छात्र को समझाया गया है. बुधवार को स्थानीय प्रशासन के लोगों ने छात्र के घर जाकर उसे समझाया. जिला के पुलिस अधीक्षक आलोक राजौरिया ने कहा कि ब्लू व्हेल गेम के संबंध में सभी को जागरूक किया जा रहा है. मां-बाप को बच्चों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा गया है.
रेडियो हैम की पहल : ब्लू ह्वेल से दूर रहने की अपील
ब्लू ह्वेल कोई साधारण गेम नहीं, यह अपने आप में सुसाइड मिशन है. युवा पीढ़ी अपना अकेलापन दूर करने के लिए ब्लू व्हेल जैसे मारक गेम के चंगुल में फंस रही है. इसके बारे में युवाओं को जागरूक करने के लिए वेस्ट बंगाल एमेच्योर रेडियो क्लब के रेडियो हैम की ओर से लिलुआ व हावड़ा स्थित आईपी मेमोरियल स्कूल में एक कार्यशाला आयोजित की गयी. इसमें रेडियो क्लब के चंद्रमौली दत्ता व सुफल मजूमदार, अंबरीश नाग विश्वास ने मुख्य भूमिका निभायी. इन लोगों ने स्कूल के कक्षा 6 से 10 तक के छात्र-छात्राओं को कई महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि हैम रेडियो के माध्यम से भी वास्तविक दोस्त बनाये जा सकते हैं. सोशल नेटवर्किंग साइट से कृत्रिम दोस्त ही बनते हैं. इस रेडियो के माध्यम से संपर्क में भाषा कोई बाधा नहीं बनती है. हैम रेडियो ऑपरेटर की अपनी ही भाषा होती है. यह लैंग्वेज कोड के नाम से जाना जाता है. इस प्रसंग में कोई अगर हैम रेडियो ऑपरेटर बनना चहता है तो भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम से 12 वर्ष से ऊपर कोई भी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है. इस प्रदर्शन में विद्यार्थियों ने काफी उत्साह से भाग लिया और हैम रेडियो ऑपरेटर बनने की इच्छा व्यक्त की.