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शरत स्मृति उद्यान : कोर्ट ने कहा – उपयुक्त पद्धति से हो अधिग्रहण

कोलकाता: उपयुक्त पद्धति से अधिग्रहण के बगैर रीजेंट पार्क थाना इलाके के शरत स्मृति उद्यान की जमीन कोलकाता नगर निगम नहीं ले सकती. कलकत्ता हाइकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है. इस जमीन को लेकर अदालत अवमानना के मामले में न्यायाधीश हरीश टंडन ने मंगलवार को कोलकाता नगर निगम को निर्देश दिया है कि पार्क […]

कोलकाता: उपयुक्त पद्धति से अधिग्रहण के बगैर रीजेंट पार्क थाना इलाके के शरत स्मृति उद्यान की जमीन कोलकाता नगर निगम नहीं ले सकती. कलकत्ता हाइकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है. इस जमीन को लेकर अदालत अवमानना के मामले में न्यायाधीश हरीश टंडन ने मंगलवार को कोलकाता नगर निगम को निर्देश दिया है कि पार्क के चारों ओर की बाड़ तोड़ दी जाये. साथ ही न्यायाधीश की निगरानी व देश के कानून के प्रभावी होने करने की भी बात कही.
मंगलवार को मामले की सुनवाई में निगम की ओर से वकील अशोक बनर्जी ने कहा कि जमीन को निगम खरीद लेगा. बाड़ तोड़ने पर उसके निर्माण में हुअा खर्च बेकार हो जायेगी. वह पैसे आम जनता का है. पुलिस आयुक्त की ओर से राज्य के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त व सरकारी वकील अमितेश बंद्योपाध्याय ने अदालत में बताया कि निगम ने आयुक्त को आठ सितंबर को बाड़ तोड़ने का समय बता दिया. उस वक्त पर्याप्त पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे.

पुलिस भी तैयार है. एडवोकेट जनरल ने आवेदन किया कि बाड़ तोड़ने के समय पुलिस आयुक्त के बदले अन्य पुलिस अधिकारी को मौजूद रहने के लिए अदालत निर्देश दे. न्यायाधीश ने पहले कहा कि बुधवार को ही बाड़ तोड़ने के निर्देश को पूरा करना होगा. लेकिन स्थानीय कुछ लोगों की ओर से वकील सप्तांशु बसु ने अदालत में कहा कि न्यायाधीश के निर्देश को चुनौती देते हुए उनके मुवक्किलों ने हाइकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील की है. लिहाजा मामले का निपटारा नहीं हुआ. सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश हरीश टंडन ने कहा कि जमीन अधिग्रहण उपयुक्त पद्धति से ही करना होगा. अदालत ने यह भी कहा कि अपील मामले के दायर होने का यह मतलब नहीं है कि उनके निर्देश पर स्वत: ही स्थगनादेश लग गया. उनके निर्देश को लागू करने के विषय को उन्होंने निगम कमिश्नर के विवेक पर छोड़ दिया. अदालत अवमानना मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी.

क्या है मामला
निगम के 113 वार्ड की रहनेवाली झरना मौलिक का कहना है कि शरत स्मृति उद्यान का मालिकाना उनके पास है. महिला के वकील सौम्य मजूमदार व विक्टर मुखर्जी ने बताया कि वर्ष 2014 में उस जमीन के चारों ओर बाड़ लगाकर निगम ने शरत स्मृति उद्यान बना दिया. इसके बाद से पार्क को आम लोगों के खेलने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. जमीन वापस लेने के लिए हाइकोर्ट में झरना मौलिक ने याचिका दायर की. गत मई महीने में न्यायाधीश हरीश टंडन ने निगम को निर्देश दिया कि बाड़ हटाकर जमीन को महिला को देना होगा. ऐसा न किये जाने पर झरना ने अदालत अवमानना का मामला दायर किया. महिला के वकील ने बताया कि गत पांच सितंबर को अदालत ने निगम को निर्देश दिया था कि अविलंब बाड़ तोड़ देना होगा. बाड़ कब तोड़ा जायेगा, यह कोलकाता पुलिस कमिश्नर को बताना होगा. उस वक्त कमिश्नर मौके पर मौजूद रहेंगे. लेकिन निगम ने ऐसा नहीं किया. इस ओर अदालत का ध्यान दिलाया गया.

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