पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर में चोट के कई निशान पाये गये थे. पति की पुलिस हिरासत में मौत के बाद मुआवजे की मांग पर रेबा बीबी ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. महिला के वकील असीमेश गोस्वामी ने कहा कि पुलिस भले ही राजीव की मौत को आत्महत्या बताये, लेकिन उसकी हत्या पीटकर की गयी है. राजीव की लंबाई पांच फुट तीन इंच थी. थाने के लॉकअप की ऊंचाई चार फुट की थी. थाने के लॉकअप में रस्सी होने का सवाल नहीं है. ऐसी स्थिति में कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है.
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तीन लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश
कोलकाता. पुलिस हिरासत में एक आरोपी की मौत के मामले में परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश देवांशु बसाक ने बुधवार को यह निर्देश दिया. मृतक राजीव मोल्ला की पत्नी को छह हफ्ते के भीतर मुआवजे का पैसा देना […]
कोलकाता. पुलिस हिरासत में एक आरोपी की मौत के मामले में परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश देवांशु बसाक ने बुधवार को यह निर्देश दिया. मृतक राजीव मोल्ला की पत्नी को छह हफ्ते के भीतर मुआवजे का पैसा देना होगा. पुलिस के मुताबिक मुर्शिदाबाद के रानीनगर के राजीव के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप था. वर्ष 2014 के 15 फरवरी को उसे गिरफ्तार किया गया था. रात को थाने के लॉकअप में उसका शव गले में फंदा लगी हालत में झूलता मिला था. राजीव की पत्नी रेबा बीबी का आरोप था कि उसके पति की पुलिस ने हत्या की है.
सरकारी वकील ने अदालत में बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान रहने पर भी पुलिस की पिटाई से उसके होने की बात सामने नहीं आयी है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया.
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