जिला पुलिस ने जांच के लिए युवक को अपनी हिरासत में लेने के लिए अदालत से आवेदन किया. हालांकि पद्धतिगत त्रुटि रहने की वजह से विजय बर को जेल हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस सूत्रों से पता चला है कि सोमवार को अदालत में फिर से पुलिस हिरासत का आवेदन किया जायेगा. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी विजय बर का परिवार तृणमूल समर्थक है. काम के सिलसिले में वह विशाखापत्तनम में रहता था.
वहां एक आइटी कंपनी में वह काम करता था. चार दिन पहले वह घर आया था. प्राप्त जानकारी के मुताबिक विजय बर के पिता बाबलु बर एक मामले के सिलसिले में पिछले एक वर्ष से कांथी जेल में बंद हैं. शनिवार को विजय अपने एक दोस्त के घर गया. इसके बाद वह कांथी नगरपालिका गया. वहां एक कर्मचारी से उसने सांसद दिव्येंदू अधिकारी का फोन नंबर पूछा. नंबर न मिलने पर वह सांसद तथा मंत्री शुभेंदू अधिकारी के घर पहुंच गया. वहां सुरक्षाकर्मियों की नजर बचाकर घर की दूसरी मंजिल पर चला गया. वहां मंत्री शुभेंदू अधिकारी के कमरे के सामने जाकर चीखने और धमकियां देने लगा. कांथी महकमा पुलिस सुपर (ग्रामीण) इंद्रजीत बसु ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.