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दबाव में झुके गुरुंग, 12 की बैठक में शामिल होगा गोजमुमो

दार्जिलिंग. सितंबर को सिलीगुड़ी के मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में बुलायी गयी राज्य सरकार की बैठक में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) शामिल होगा. मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग ने टेलीफोन पर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोलकाता के बाद उत्तरकन्या में होनेवाली दूसरे चरण की सर्वदलीय बैठक में गोजमुमो शामिल होकर गोजमुमो के रुख को स्पष्ट […]

दार्जिलिंग. सितंबर को सिलीगुड़ी के मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में बुलायी गयी राज्य सरकार की बैठक में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) शामिल होगा. मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग ने टेलीफोन पर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोलकाता के बाद उत्तरकन्या में होनेवाली दूसरे चरण की सर्वदलीय बैठक में गोजमुमो शामिल होकर गोजमुमो के रुख को स्पष्ट करेगा. उल्लेखनीय है कि गुरुवार को विमल गुरुंग ने एलान किया था कि अब बंगाल सरकार से कोई बात नहीं होगी. लेकिन बंगाल पुलिस के आक्रामक रुख को देखते हुए उनके सुर बदले हुए लग रहे हैं. शुक्रवार को सिक्किम में मोर्चा की केंद्रीय कमेटी की बैठक पर पुलिस ने धावा बोलकर कई बड़े मोर्चा नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है.
विमलगुरुंग ने कहा कि गत 29 अगस्त को कोलकता की बैठक में बंगाल सरकार ने गोरखालैंड मुद्दे पर बात नहीं की. सरकार ने कहा कि यह राज्य सरकार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का विषय है. इसलिए 12 सितंबर को होनेवाली बैठक में मोर्चा भी अपना पक्ष स्पष्ट करेगा. श्री गुरुंग ने कहा कि बैठक में दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिम्पोंग, मिरिक, तराई, डुआर्स आदि क्षेत्रों के प्रतिनिधि भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि अगर विनय तमांग बैठक में शामिल होना चाहते हैं, तो हो सकते हैं, लेकिन वह मोर्चा का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि विनय तमांग को पार्टी निष्कासित कर चुकी है.
श्री गुरुंग ने कहा कि बंगाल सरकार एक तरफ वार्ता की बात करती है, तो दूसरी ओर मोर्चा समर्थकों को गिरफ्तार करवा रही है. शुक्रवार को मोर्चा की केंद्रीय कमेटी की बैठक सिक्किम में होने जा रही थी. उसी दौरान बंगाल पुलिस ने बैठक स्थल पर धावा बोला और मोर्चा नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. इतना ही नहीं, मोर्चा के एक समर्थक की गोली मार कर हत्या कर दी. उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार की इस तरह की कार्रवाई पर सिक्किम सरकार ने कठोर निर्णय लेने की बात कही है.
दार्जिलिंग : हड़ताल 80वें दिन भी जारी, विमल गुरुंग की तलाश में छापेमारी
बम िवस्फोट सहिम कई अन्य मामलों में गोजमुमो प्रमुख के सरकार ने खिलाफ जारी किया गया था लुकआउट

विनय तमांग ने कीविमलगुरुंग और रोशन गिरि की आलोचना
दार्जिलिंग. दार्जिलिंग की पहाड़ी और आस-पास के क्षेत्रों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के प्रमुख विमल गुरुंग की खोज के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है. यहां अब भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है और शनिवार को बंद का 80वां दिन है.
पुलिस ने शुक्रवार को गोजमुमो प्रमुख के खिलाफ कई मामलों में कथित रूप से शामिल होने को लेकर एक लुकआउट नोटिस जारी किया था. इनमें कालिम्पोंग पुलिस थाने के बाहर हुई बम विस्फोट की घटना भी शामिल है, जिसमें पुलिस की सहायता करनेवाला एक नागरिक मारा गया था.
पार्टी संयोजक विनय तमांग के बंद को 12 सितंबर तक स्थगित करने के फैसले को गुरुंग द्वारा वापस लेने के बाद यहां अब भी हड़ताल जारी है. 12 सितंबर को राज्य सरकार के साथ अगले चरण की बातचीत होनी है.

गुरुंग व रोशन पर बरसे तमांग
गोजमुमो प्रमुख ने शुक्रवार को तमांग को पार्टीलाइन के उल्लंघन और पार्टी-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से सस्पेंड कर दिया था. इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए, शनिवार को तमांग ने गरुंग और पार्टी महासचिव रोशन गिरि की आलोचना की.
कर्सियांग नगरपालिका के अध्यक्ष गिरफ्तार
इस बीच, कर्सियांग नगरपालिका के अध्यक्ष, कृष्णा लिंबू को जून में पहाड़ी क्षेत्र में हुई हिंसा और आगजनी में संलिप्तता के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. गोरखालैंड समर्थकों द्वारा बंद के समर्थन में किये गये विरोध प्रदर्शनों ने पहाड़ी क्षेत्र के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त- व्यस्त कर दिया है. गोजमुमो समर्थकों का धरना पहाड़ी क्षेत्र के कई हिस्सों में मजबूत होता जा रहा है और बंद के समर्थन में पोस्टर और इश्तहार बांटे जा रहे हैं. यहां जारी हड़ताल और गोरखालैंड के समर्थन में दार्जिलिंग, कर्सियांग, मिरिक, सोनादा और कालिम्पोंग में रैलियां निकाली जा रही हैं.
सिक्किम के मुख्यमंत्री दे रहे विमल गुरुंग को प्रश्रय
सिक्किम के सीएम गोजमुमो प्रमुख को प्रश्रय दे रहे हैं. गोरखालैंड के मुद्दे को लेकर अशांति के बीच राज्य सरकार ने शांति वापसी के लिए प्रक्रिया की शुरुआत की, तो विमल गुरुंग ने जिन्हें प्रतिनिधि बनाकर भेजा था, उन्होंने ही बातचीत के दौरान आंशिक तौर पर बंद वापस लेने पर सहमति व्यक्त की. बातचीत के लिए अगली तारीख 12 सितंबर तय की गयी. अब गुरुंग इस बैठक के फैसले को मानने से इनकार कर फिर से पहाड़ पर अशांति फैला रहे हैं. जब गुरुंग पर बंगाल में अशांति फैलाने का आरोप है, तो ऐसी स्थिति में दूसरे राज्य के सीएम उन्हें बचाने में लगे हैं, यह देश के संघीय शासन के िखलाफ है.

गौतम देव, राज्य के पर्यटन मंत्री दार्जिलिंग के आंदोलनकारी नहीं हैं देशद्रोही
राज्य सरकार आंदोलन कर रहे लोगों के साथ देशद्रोहियों जैसा बर्ताव कर रही है, जो कि गलत है, क्योंकि भारत के संविधान के प्रति पूर्ण आस्था रखते हुए हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लेकर अपनी मांगों के समर्थन में जुलूस निकालने, सभा करने और हड़ताल जैसे लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करनेवालों को देशद्रोही कैसे कहा जा सकता है?
दिलीप घोष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
डोकलाम की समस्या खत्म हो सकती है तो दार्जिलिंग की क्यों नहीं
अगर चीन के साथ डोकलाम की समस्या का समाधान हो सकता है, तो पहाड़ पर अशांति का समाधान संभव कैसे नहीं है. पहाड़ पर चल रही अशांति के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं. यह सब कुछ तृणमूल के पहाड़ पर वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश का नतीजा है. पहाड़ और समतल मिलाकर ही बंगाल है. सरकार को एकदूसरे की अनदेखी नहीं करनी चाहिए.
अधीर चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

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