लेकिन जो सामने घटित हो रहा है, वह कोई कल्पना भी तो नहीं है. पुलिस अधिकारी और कर्मी स्पीड बोट से गांव-गांव पहुंच रहे हैं. साथ ही बाढ़ प्रभावितों को भोजन कराने के अलावा उन्हें पेयजल और चिकित्सकीय सेवा भी दे रहे हैं. इतना ही नहीं, पुलिस विभाग की ओर से बुजुर्ग लोगों व बच्चों के लिए गाय का दूध भी बांटा जा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो पुलिस का यह रूप उन्होंने पहली बार देखा है. लोग कह रहे हैं कि इसका श्रेय जिले के एसपी अर्णव घोष को जाता है जिनके निर्देश पर पुलिस इस नेक काम में जुटी है.
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बाढ़ पीड़ितों की सेवा से बदल रही पुलिस की छवि
मालदा. जिले के हरिश्चंद्रपुर एक व दो नंबर प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों ने इस बार पुलिस का एक मानवीय चेहरा देखा. आम दिनों में कानून व्यवस्था और अपराधियों की धर-पकड़ में व्यस्त रहनेवाली पुलिस और उसके उच्च अधिकारियों को बाढ़ के समय राहत सामग्री के साथ गांव-गांव घूमते देखकर पहले तो ग्रामीणों को अपनी […]
मालदा. जिले के हरिश्चंद्रपुर एक व दो नंबर प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों ने इस बार पुलिस का एक मानवीय चेहरा देखा. आम दिनों में कानून व्यवस्था और अपराधियों की धर-पकड़ में व्यस्त रहनेवाली पुलिस और उसके उच्च अधिकारियों को बाढ़ के समय राहत सामग्री के साथ गांव-गांव घूमते देखकर पहले तो ग्रामीणों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ.
मालदा शहर से करीब 92 किमी की दूरी पर स्थित है हरिश्चंद्रपुर एक व दो नंबर ब्लॉक. इस बार एक तरफ महानंदा और दूसरी ओर फुलहार नदी की बाढ़ में ये इलाके बुरी तरह घिर गये हैं. जिले के अन्य हिस्सों से ये इलाके पूरी तरह कट गये हैं. शुरू-शुरू में समय पर राहत सामग्री नहीं पहुंचने के आरोपों के बाद राहत सामग्री की लूट और पथावरोध की घटनाएं भी घटी हैं. ऐसे हालात में जिला पुलिस राहत वितरण को लेकर उतरी है. पुलिस विभाग के उच्च पदों से लेकर नीचे स्तर के पुलिसकर्मी तक इस काम में जुटे हैं.
पुलिस सूत्र के अनुसार हरिश्चंद्रपुर दो नंबर प्रखंड अंतर्गत भालुका गांव के ढाई हजार लोगों के लिये राहत सहायता की व्यवस्था की गई है. बाढ़पीड़ितों में खिचड़ी, पंचमेल सब्जी, भात-दाल, सोयाबीन और कभी कभी अंडा करी के साथ भात परोसा जा रहा है. गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग महिला-पुरुषों को गाय का दूध दिया जा रहा है. पुलिस की इस सहायता से भालुका ग्राम पंचायत अंतर्गत मंडलपाड़ा, धनगड़ा, विषानपुर, शोलमारी, तिलखाना सहित अन्य गांव के लोगों को बड़ी राहत है.
स्थानीय निवासी आजारू शेख, अहमद अली, नवीन विश्वास ने कहा, पिछले 15 दिनों से कोई स्कूल में तो कोई खाली जमीन पर तंबू लगाकर रह रहे हैं. पेयजल और खाने-पीने के लिए हम लोग तरस रहे थे. लेकिन पुलिस विभाग ने जिस तरह से स्पीड बोट से गांव-गांव पहुंचकर राहत सामग्री का वितरण शुरू किया है, वैसा नहीं होता तो पता नहीं हम लोगों का क्या होता.
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