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मोदी-ममता की नीति एक : येचुरी
कोलकाता: भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की नीतियों में फर्क नहीं है. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक शक्तियों को बल मिल रहा है. राज्य में राजनीतिक माहौल बिगड़ तो रहा है, साथ ही लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी खतरा बना हुआ है. ये आरोप माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने लगाये हैं. […]
कोलकाता: भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की नीतियों में फर्क नहीं है. यही वजह है कि पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक शक्तियों को बल मिल रहा है. राज्य में राजनीतिक माहौल बिगड़ तो रहा है, साथ ही लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी खतरा बना हुआ है. ये आरोप माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने लगाये हैं.
माकपा के वरिष्ठ नेता द्वारा कई मुद्दों को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों की ही जमकर आलोचना की गयी. गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पटना में राजद की महारैली में शामिल हुई थीं. रैली में सीताराम येचुरी समेत कई वरिष्ठ माकपा नेताओं के शामिल होने की बात थी, लेकिन वे शामिल नहीं हुए. माकपा के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामाना करनेवाले नेताओं के साथ मंच साझा करने के पक्ष में नहीं है. पश्चिम बंगाल में भी पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार आंदोलनरत है.
पटना में रैली भाजपा के खिलाफ थी. माकपा लगातार भाजपा की नीतियों का विरोध करती आयी है, लेकिन वह रैली में शामिल नहीं हुई. इसकी वजह यह भी है कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में भी नहीं है. इसका अंदाजा माकपा के महासचिव द्वारा भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की नीतियों की एक बार फिर से की गयी आलोचना से लगाया जा सकता है.
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