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कोलकाता के स्कूलों में पढ़ेंगे पहाड़ के 2000 बच्चे

कोलकाता : पहाड़ में गतिरोध के कारण बच्चों की पढ़ाई को सुनिश्चित करने के लिए पहाड़ के लगभग 2000 बच्चों का पठन-पाठन अस्थायी रूप से कोलकाता के स्कूल में कराने का निर्णय किया गया है, हालांकि इस बाबत सीआइएससीइ से अनुमति मांगी गयी है. अनुमति मिलने के बाद इन बच्चों की पढ़ाई शुरू की जायेगी. […]

कोलकाता : पहाड़ में गतिरोध के कारण बच्चों की पढ़ाई को सुनिश्चित करने के लिए पहाड़ के लगभग 2000 बच्चों का पठन-पाठन अस्थायी रूप से कोलकाता के स्कूल में कराने का निर्णय किया गया है, हालांकि इस बाबत सीआइएससीइ से अनुमति मांगी गयी है. अनुमति मिलने के बाद इन बच्चों की पढ़ाई शुरू की जायेगी. एसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर आइएससी (एएसआइएससी) के प्रमुखों की कार्यकारी कमेटी की बैठक में यह निर्णय किया गया.

बैठक में यह निर्णय किया गया कि सीआइएससीइ से जुड़े कोलकाता स्कूलों में पहाड़ के 32 स्कूलों के लगभग 2000 बच्चों की अस्थायी रूप से पढ़ाई की व्यवस्था की जायेगी. एसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर आइएससी (एएसआइएससी) के अध्यक्ष व राममोहन मिशन स्कूल के प्रिंसिपल सुजय विश्वास ने बताया कि हालांकि वे लोग इसमें केवल उन्हीं 32 स्कूलों के बच्चों को शामिल कर रहे हैं, जो एएसआइएससी बैनर के तहत आते हैं. दो पार्वत्य जिले में एंग्लो-इंडियन प्रबंधन द्वारा कुल 44 स्कूल संचालित हैं. इन स्कूलों के प्रबंधन ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चों को कैंपस में 27 अगस्त तक वापस भेजें, क्योंकि जो छात्र इस वर्ष बोर्ड की परीक्षा देंगे. उनके पाठ्यक्रम भी पूरे करने होंगे तथा कक्षा नौवीं व ग्यारहवीं के छात्रों को 10 सितंबर तक बोर्ड में पंजीकरण भी पूरा करना होगा.

सिलीगुड़ी में वेडिंग हॉल व धर्मशालाओं में स्कूल
श्री विश्वास ने कहा कि वे लोग यह निर्णय लेने के लिए बााध्य हुए हैं, क्योंकि उन लोगों को जानकारी मिली है कि कई स्कूल सिलीगुड़ी में वेडिंग हॉल तथा धर्मशाला किराये पर ले रहे हैं, ताकि वे लोग बच्चों की पढ़ाई को जारी रख सकें. इस कारण ही उन लोगों ने सोचा कि इन बच्चों को स्कूल की सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें, क्योंकि परीक्षाएं सिर पर हैं.
उन्होंने कहा कि विज्ञान के छात्र लेबोरेटोरिज के अभाव में कई महत्वपूर्ण पाठ्य से वंचित रह जा रहे रहे हैं, जो आइसीएसइ तथा आइएससी के उम्मीदवारों के लिए आवश्यक हैं.
सूत्रों के अनुसार हाल में पहाड़ के कई स्कूलों के प्रिंसिपलों ने काउंसिल से संपर्क किया था तथा उन्हें छात्रों की समस्याएं बतायी थी. चूंकि वहां बंद जारी है. ऐसी स्थिति में शीघ्र ही कक्षाएं शुरू होने की संभावनाएं बहुत ही कम हैं.

बोर्डिंग स्कूल के छात्र हो रहे अस्थायी रूप से शिफ्ट
जिन स्कूलों के छात्रों को अस्थायी रूप से कोलकाता में शिफ्ट किया जा रहा है, वे बोर्डिंग स्कूल के बच्चे हैं तथा इस बाबत काउंसिल की अनुमति मांगी गयी है. कोलकाता व हावड़ा के रहनेवालों बच्चों को इन स्कूलों में शिफ्ट किया जायेगा तथा उन्हें क्लास करने की भी सुविधाएं दी जायेगी. इस बाबत 32 स्कूलों की ओर से सीआइएससीइ सचिव व सीइओ गैरी अराथून को पत्र लिख कर आवेदन किया जायेगा. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी अनुमति मांगी जायेगी.
पसंद के संस्थान में अध्ययन करने का मिलेगा विकल्प
पश्चिम बंगाल में आईसीएसई स्कूलों के एसोसिएशन के सचिव नबारून दे ने बताया कि कक्षा नौ के छात्रों को 10 सितंबर तक बोर्ड में अपने पंजीकरण का काम पूरा करना है. एसोसिएशन दार्जिलिंग, कर्सियांग ओर कलिम्पोंग के 30 से अधिक स्कूलों के कक्षा नौ के छात्रों को मैदानी इलाके के स्कूलों अस्थायी रूप से पढाई की अनुमति देने के लिए तैयार होंगे. छात्रों को अपनी पसंद के संस्थान में अध्ययन करने का विकल्प दिया जायेगा. छात्रों के पास संस्थान में रह कर ही अध्ययन करने का विकल्प भी दिया जायेगा या वे अपने आवास में भी रह सकते हैं या किराये के मकान भी रहने का उनके पास विकल्प होगा. उन्होंने कहा कि छात्रों को किसी औपचारिक दाखिला प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा और उन्हें उत्तर बंगाल के एसोसिशन सचिव के लिखित जवाब और सीआईएससीई की मंजूरी के बाद कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति होंगी.

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