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विरोध प्रदर्शन: मिष्ठान व्यवसायियों ने 24 अगस्त से तीन दिवसीय भूख हड़ताल की दी चेतावनी, जीएसटी के खिलाफ बंद रहीं मिठाई दुकानें
कोलकाता : मिठाई पर पांच से 28 फीसदी जीएसटी लगाये जाने के विरोध में राज्य की मिठाई दुकानें सोमवार को बंद रहीं. राज्य के विभिन्न जिलों में मिठाई विक्रेताओं ने जुलूस निकाले और डीएम को ज्ञापन सौंपे. साथ ही व्यापारियों ने जीएसटी वापस नहीं लेने पर 24, 25 और 26 अगस्त को रानी रासमनी रोड […]
कोलकाता : मिठाई पर पांच से 28 फीसदी जीएसटी लगाये जाने के विरोध में राज्य की मिठाई दुकानें सोमवार को बंद रहीं. राज्य के विभिन्न जिलों में मिठाई विक्रेताओं ने जुलूस निकाले और डीएम को ज्ञापन सौंपे. साथ ही व्यापारियों ने जीएसटी वापस नहीं लेने पर 24, 25 और 26 अगस्त को रानी रासमनी रोड पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है.
पश्चिम बंगाल मिष्ठान व्यापारी समिति के महासचिव रवीद्र कुमार पॉल ने बताया कि राज्य में पंजीकृत एवं गैरपंजीकृत लगभग दो लाख मिठाई दुकानें हैं. प्रत्येक दुकान से करीब पांच लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. लगभग 10 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से मिठाई बिक्री के व्यापार से एवं करोड़ों लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से विभिन्न तरह की मिठाइयों पर अलग-अलग जीएसटी की दरें लगायी है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे मिठाई व्यापारी बेहद परेशान हैं.
मिठाइयों पर पांच से 28 फीसदी तक जीएसटी लगाया गया है. महानगर व जिलों की कुछ मिठाई दुकानें एवं बड़े प्रतिष्ठानों को छोड़ कर गली और मोहल्ले की मिठाई दुकानों में इतनी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं कि दुकानदार प्रत्येक मिठाई पर जीएसटी की अलग-अलग दर लगा कर बिक्री करे. कई दुकानों में कंप्यूटर तक नहीं हैं. ऐसी स्थिति में जीएसटी कैसे लगाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि वे लोग जीएसटी की दर वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं. यदि जीएसटी वापस नहीं लिया गया है, तो बंगाल में मिठाई कारोबार पूरी तरह से नष्ट हो जायेगा. उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल के बाद भी उनकी मांग नहीं मानी गयी तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
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