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खटाल बन गया ऐतिहासिक श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंच
कभी बांग्ला नाट्य जगत की हस्तियों के लिए सर्वश्रेष्ठ मंच हुआ करता था चितपुर स्थित रेलवे क्वार्टर में है यह मंच यहां एक पुस्तकालय भी हुआ करता था रेलमंत्री को दी गयी थी हालत की जानकारी प्रभु ने दिया था स्मारक बनवाने का आश्वासन नवीन कुमार राय 4 कोलकाता अंग्रेजों के जमाने में बना मंच […]
कभी बांग्ला नाट्य जगत की हस्तियों के लिए सर्वश्रेष्ठ मंच हुआ करता था
चितपुर स्थित रेलवे क्वार्टर में है यह मंच
यहां एक पुस्तकालय भी हुआ करता था
रेलमंत्री को दी गयी थी हालत की जानकारी
प्रभु ने दिया था स्मारक बनवाने का आश्वासन
नवीन कुमार राय 4 कोलकाता
अंग्रेजों के जमाने में बना मंच आज पूरी तरह खटाल बन गया है. हम बात कर रहे हैं ऐतिहासिक श्यामा प्रसाद मंच की. कभी बांग्ला नाट्य जगत की विभिन्न हस्तियों का सपना हुआ करता था श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना.
उत्तम कुमार, विश्वजीत से लेकर सुचित्रा सेन जैसे कलाकार यहां मंचन करने में फक्र महसूस करते थे, लेकिन आज यही मंच अपनी हालत पर आंसू बहा रहा है. पूरी तरह खंडहर का रूप ले चुका मंच आज खटाल बन गया है.
यहां एक पुस्तकालय भी हुआ करता था, जो आज इतिहास बन गया है. यह सब कुछ पिछले कुछ साल में हुआ है. इस मंच से दिन बहुरने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
जिस श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम लेते हुए भाजपाई थकते नहीं, उसी भाजपा के शासन में श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंच एक बार फिर अपने पुराने दिनों को याद कर रहा है. यह मंच उत्तर कोलकाता के चितपुर स्थित रेलवे क्वार्टर में है. यहां एक मैदान भी है, जहां कभी बड़े पैमाने पर फुटबॉल मैच का आयोजन होता था.
इस बाबत उत्तर कोलकाता में रहने वाले प्रदेश भाजपा के महासचिव प्रताप बनर्जी ने कहा कि वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंच की हालत सुधारने की दिशा में पहल कर रहे हैं.
पिछली बार जब रेल मंत्री सुरेश प्रभु कोलकाता आये थे तो उनसे मंच की हालत बतायी थी. उन्होंने यहां पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मारक बनाने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ.
रौनक देखते ही बनती थी
नव जागरण क्लब के कल्याण बनर्जी ने बताया कि जब वह बच्चे थे तब यहां की रौनक देखते ही बनती थी. बड़े-बड़े कलाकारों का जमावड़ा होता था.
यहां के पुस्तकालय में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पढ़ने आया करते थे. उस वक्त यहां टीवी था. दूरदर्शन पर लोग समाचार देखते थे. लेकिन आज इसकी स्थित देखकर रोना आता है. आश्चर्य की बात है कि जो भाजपा श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपना रोल मॉडल मानती है उसी भाजपा के शासन में इस मंच की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
स्थानीय अधिवक्ता पारसनाथ यादव का कहना है कि यह मंच उत्तर कोलकाता की शान हुआ करता था. लेकिन उपेक्षा और रखरखाव के अभाव में इसकी हालत दिनों दिन बिगड़ती चली गयी. यहां का सारा सामान चोरी हो गया है. मंच मौजूदा समय में नशाखोरों का अड्डा बन गया है. नीचे का हिस्सा खटाल बन गया है.
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