कोलकाता: कोल इंडिया लिमिटेड वर्ष 2013-14 के वित्तीय वर्ष में अपने उत्पादन व विक्रय दोनों लक्ष्यों से चूक गयी है. दोनों ही क्षेत्रों में कंपनी 20 मिलियन टन से पीछे रही. कंपनी ने इस वर्ष उत्पादन व विक्रय में छह फीसदी की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन उत्पादन में मात्र 2.3 फीसदी व विक्रय में 1.4 फीसदी की ही बढ़ोतरी कर पायी.
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब व राजस्थान ने समझौते के अनुसार कोयला नहीं खरीदा, यहां की बिजली उत्पादन करनेवाली व अन्य कंपनियों ने कांट्रैक्ट से कम कोयला खरीदा और पर्याप्त मात्र में रेलवे रैक नहीं मिलने के कारण कोल इंडिया कोयला की आपूर्ति नहीं कर पायी.
उन्होंने बताया कि बंगाल, ओड़िशा सहित कई राज्यों में अत्यधिक गरमी, बारिश व हड़ताल की वजह से उत्पादन बाधित हुआ था. कंपनी ने वर्ष 2013-14 में 482 मिलियन टन कोयला का उत्पादन का लक्ष्य रखा था, लेकिन मात्र 462 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर पायी. विक्रय में भी कंपनी 492 मिलियन टन के लक्ष्य से करीब 20 मिलियन टन कम 471.5 मिलियन टन कोयला ही बेच पायी.