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सरकार की भूमिका पर उठाये सवाल
संदेशखाली दुष्कर्म कांड . हाइकोर्ट ने जांच की प्रगति को लेकर दो हफ्ते में रिपोर्ट मांगी जज ने पूछा घटना के एक महीने बीत जाने पर भी अब तक प्राथमिक मेडिकल रिपोर्ट क्यों नहीं है? सरकार क्या घटना को महत्व नहीं दे रही? कोलकाता : संदेशखाली सामूहिक दुष्कर्म कांड में कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार […]
संदेशखाली दुष्कर्म कांड . हाइकोर्ट ने जांच की प्रगति को लेकर दो हफ्ते में रिपोर्ट मांगी
जज ने पूछा
घटना के एक महीने बीत जाने पर भी अब तक प्राथमिक मेडिकल रिपोर्ट क्यों नहीं है?
सरकार क्या घटना को महत्व नहीं दे रही?
कोलकाता : संदेशखाली सामूहिक दुष्कर्म कांड में कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा किया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने जानना चाहा कि घटना के एक महीने बीत जाने पर भी अब तक प्राथमिक मेडिकल रिपोर्ट क्यों नहीं है? सरकार क्या घटना को महत्व नहीं दे रही? खंडपीठ ने घटना की जांच की प्रगति को लेकर दो हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
ज्ञात हो कि चार जुलाई की रात में संदेशकाली में 62 वर्षीय वृद्धा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. उस पर हमला भी किया गया था. अस्पताल में इलाजरत वृद्धा ने कुछ दिनों बाद दम तोड़ दिया. स्थानीय लोग इस घटना को लेकर आतंकित हैं. उन्हें सुरक्षा का अभाव सता रहा है. इस संबंध में कलकत्ता हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिकाकर्ता की वकील प्रियंका टिबड़ेवाल ने बताया कि निर्भायकांड की पुनरावृत्ति संदेशखाली में हुई. दुष्कर्म के बाद वृद्धा पर अत्याचार किया गया. इस घटना की जांच किये बगैर ही पुलिस कह रही है कि यह सामूहिक दुष्कर्म का मामला नहीं है. जांच के पहले पुलिस ऐसा कैसे कह सकती है. राज्य के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त से अदालत ने जांच की प्रगति के संबंध में पूछा. इस पर उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है. अब तक पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
पुलिस का अनुमान है कि यह सामूहिक नहीं बल्कि दुष्कर्म का मामला है. खंडपीठ ने इस पर मेडिकल रिपोर्ट मांगी. एजी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है. प्रियंका टिबड़ेवाल ने बताया कि अस्पताल में पीड़ित वृद्धा ने घटना का वर्णन भी किया था. इसके बाद ही उनकी मौत हुई.
प्रदेश भाजपा ने राज्य में होने वाले नगरपालिका चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है. प्रदेश भाजपा की ओर से कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की खंडपीठ में इसका उल्लेख किया गया. भाजपा ने मामले की सोमवार को आपात सुनवाई की गुजारिश की. हालांकि अदालत ने इसे ठुकराते हुए आगामी शुक्रवार को सुनवाई का दिन निर्धारित किया है. साथ ही मामला दर्ज करने की अनुमति भी भाजपा को दी गयी है.
इधर राज्य सरकार की ओर से अदालत में बताया गया है कि सात नगर निकाय चुनाव में अतिरिक्त बल को तैनात किया जायेगा. दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील अंजन भट्टाचार्य ने कहा कि गत चुनाव में राज्य पुलिस के जरिये चुनाव कराया गया था, जिसमें काफी हिंसा हुई थी.
राज्य चुनाव आयोग शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने में नाकाम रहा. एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि राज्य सरकार ने चुनाव आयोग के साथ बातचीत की है. पर्याप्त पुलिस की तैनाती चुनाव में रहेगी. खंडपीठ ने राज्य सरकार को अतिरिक्त बल मुहैया करने का निर्देश दिया है.
उल्लेखनीय है कि 13 अगस्त को दुर्गापुर नगर निगम, धूपगुड़ी नगरपालिका, बुनियादपुर, कूपर्स कैंप, पांसकुड़ा हल्दिया नगर निगम व नलहाटी नगरपालिका में चुनाव होंगे. दो वार्डों में उपचुनाव के अलावा कुल 150 वार्डों में मतदान होंगे. 377 मतदान केंद्रों में और 815 बूथों में मतदान होगा.
स्वास्थ्य आयोग के कामकाज पर निर्देश नहीं : हाइकोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य आयोग के कामकाज पर किसी प्रकार का स्थगनादेश या अंतरिम स्थगनादेश नहीं दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि आयोग के खिलाफ कई जनहित याचिकाएं दायर कर दावा किया गया है कि वह अवैध आयोग है.
सदस्यों का सही प्रकार से चयन नहीं होता. वर्तमान जज किस तरह से आयोग के चेयरमैन हो सकते हैं. याचिका दायर करने वालों में सब्यसाची चटर्जी, श्रीकांत दत्ता और डॉ कुणाल सरकार हैं.
राजनीतिक हस्तियों को परेशान करने के लिए सीबीआइ जांच नहीं : हाइकोर्ट
नारद मामले की जांच पर हाइकोर्ट की टिप्पणी
कहा : जांच के पीछे का उद्देश्य, जनप्रतिनिधियों पर से आम लोगों का विश्वास न डिगे
कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश जयमाल्य बागची ने टिप्पणी की कि नारद स्टिंग कांड में राजनीतिक हस्तियों को परेशान करने के लिए सीबीअाइ को जांच करने के लिए नहीं कहा गया. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों पर आम लोगों का विश्वास न डिगे, खंडपीठ का यही मुख्य उद्देश्य है.
शुक्रवार को नारद मामले की सुनवाई में उन्होंने कहा कि नारद न्यूज के प्रमुख मैथ्यू सैमुअल्स ने यदि कोई गलत तथ्य दिया है तो उनके खिलाफ भी फौजदारी कानून के तहत कदम उठाया जा सकता है. मामले में कोलकाता नगर निगम के उपमेयर के वकील अमित देसाई ने अदालत में कहा कि मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी काफी उन्नत है. किसी भी तसवीर को विकृत किया जा सकता है. सीबीअाइ को चाहिए था कि मैथ्यू सैमुअल्स के सूबतों को ठीक तरीके से जांच करके फिर एफआइआर करती.
इधर सीबीआइ के वकील मोहम्मद अशरफ अली ने अदालत में ईमेल के तथ्य पेश कर कहा कि सीबीआइ के पास मैथ्यू सैमुअल्स ने कोलकाता पुलिस द्वारा परेशान किये जाने की शिकायत की है. पुलिस नारद कांड की जांच में सीबीअाइ को सहायता करने से मना कर रही है. अदालत इस विषय पर ध्यान दे. अदालत ने कहा कि मैथ्यू सैमुअल्स ने अदालत में आवेदन नहीं किया है. यहां तक कि सीबीआइ ने भी कोई आवेदन नहीं किया है. इसलिए इस पर निर्देश नहीं दिया जा सकता.
कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे ने एक मामले की सुनवाई में कहा कि जजों की नियुक्ति में राजनीति हो रही है. केंद्र को कटघड़े में खड़ा करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की. उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाइकोर्ट में जरूरी 72 न्यायाधीशों के बदले केवल 33 न्यायाधीश हैं. अगले तीन महीने के भीतर और पांच न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
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