सिलीगुड़ी/ बागडोगरा/कालियागंज. पहाड़ के साथ-साथ समतल-तराई-डुवार्स में भी जारी गोरखालैंड आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के दौरे के मद्देनजर सोमवार को सिलीगुड़ी में हैं. पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत वह आज कोलकाता से सिलीगुड़ी पहुंची. वह हवाई मार्ग के जरिये बागडोगरा हवाई अड्डे पर निर्धारित समय पर पहुंची.
लेकिन पहाड़ में चल रहे हिंसक आंदोलन के कारण उत्तर बंगाल दौरे के पहले दिन ही आज ममता के स्वागत के लिए पहाड़ के किसी भी संप्रदाय को बागडोगरा हवाई अड्डे पर नहीं देखा गया. आम तौर पर मुख्यमंती के आने के दिन विभिन्न संप्रदाय के लोग मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर सुबह से ही फूल-माला, बड़े-बड़े फ्लैक्स व पोस्टर लेकर इंतजार करते रहते थे. विभिन्न अनुसूचित जाति व पहाड़ पर गठित विभिन्न विकास बोर्ड के प्रतिनिधि अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नजर आते थे.
हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन के सामने से लेकर एप्रोच रोड, यहां तक की 31 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों ओर मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए लोगों की कतार लग जाती थी. दीदी से विजिट के लिए पास देने में भी सख्ती बढ़ती गयी. तृणमूल के कई नेताओं तक को विजिट का पास नहीं मिला. उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष व पर्यटन मंत्री गौतम देव के अलावा दूसरे किसी तृणमूल नेता को हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी. तृणमूल नेता रंजन सरकार, नांटु पाल, दीपक शील, रंज शीलशर्मा, मदन भट्टाचार्य, कृष्ण पाल, राजेन मुखिया, कालिंपोंग के तृणमूल नेता चंग भूटिया सभी को हवाई अड्डे के बाहर इंतजार करना पड़ा. मुख्यमंत्री आज शाम 4.50 पर हवाई जहाज से बागडोगरा हवाई अड्डा पहुंची. उनके साथ इंद्रनील सेन थे. मुख्यमंत्री ने मीडिया से दूरी बनाये रखी. संवाददाताओं के किसी भी सवाल का जवाब नहीं देते हुए सीधा वह उत्तरकन्या के अतिथि निवास की ओर रवाना हो गयी.
मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए उत्तर बंगाल विकास विभाग पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न सड़कों पर स्वागत गेट भी बनाया गया था.
उत्तरकन्या और सभास्थल कालागछ किले में तब्दीलपहाड़ के बाद सुकना और जयगांव में नये सिरे से हुई गोरखालैंड की हिंसक आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा सिलीगुड़ी ही नहीं बल्कि उत्तर दिनाजपुर में भी चाक चौबंद की गयी है. उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा के कालागछ में कल यानी मंगलवार को ममता का एक सभा होने जा रहा है, जिसके मद्देनजर वह सोमवार को ही सिलीगुड़ी पहुंच गयी. वह यहां सिलीगुड़ी से सटे मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में सरकारी बंग्लों में ठहरी हुई है.
यहीं वजह है कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी सुरक्षा एजेंसियां ही नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन भी कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती. इसके लिए उत्तरकन्या और सभास्थल कालागछ को पुलिस ने किले में तब्दील कर दिया है. सिलीगुड़ी में मुख्यमंत्री की सुरक्षा की कमान जहां पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार सिंह संभाले हुए हैं वहीं कालागछ में ममता के सुरक्षा का पूरा भार उत्तर दिनाजपुर जिले के पुलिस अधिक्षक (एसपी) श्याम सिंह के कंधों पर है. पहाड़ में लगी आग अब समतल में भी भड़क उठने के बाद शासन-प्रशासन की नींद उड़ गयी है. यूं भी मुख्यमंत्री का सभास्थल सिलीगुड़ी से काफी नजदीक है. यहीं वजह है कि श्याम सिंह के निर्देश पर केवल कालागछ ही नहीं बल्कि सोनापुर को भी छावनी में तब्दील कर दिया गया है. सिलीगुड़ी से सभास्थल तक पहुंचने में ममता की सुरक्षा को लेकर कई सुरक्षा घेरे भी बनाये गये हैं. श्री सिंह का कहना है कि उनकी सुरक्षा को लेकर वह राज्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं.