जयगांव: पर्वतीय क्षेत्र में चल रहे गोरखालैंड राज्य के आंदोलन की आंच डुवार्स के भारत-भूटान सीमावर्ती जयगांव में भी पहुंच गयी है. डुवार्स के कई अन्य इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन की खबर है. रविवार को जयगांव के गोपीमोहन मैदान के आसपास गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) समर्थकों ने रैली निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रैली को रोक दिया. वहीं मोरचा समर्थक रैली निकालने को देर तक अड़े रहे. रैली रोके जाने से बौखलाये आंदोलनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद जयगांव इलाके में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान एक-एक कर बंद होने लगे. यहां तक कि भूटान गेट को भी बंद कर दिया गया.
पुलिस और मोरचा समर्थकों के बीच झड़प की खबर है. रैली को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. लेकिन जब हालात नियंत्रण में नहीं आये तो उग्र भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया गया. इस वजह से जयगांव पूरी तरह अशांत हो चला है.
गोजमुमो डुवार्स कमेटी के पक्ष से रोहित थापा ने बताया कि पुलिस मोरचा समर्थकों पर जुल्म ढा रही है. पुलिस की गोलीबारी में उसके पांच साथी जख्मी हो गये हैं, जिन्हें इलाज के लिए बाहर ले जाया जा रहा है. उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हमारा आंदोलन लोकतांत्रिक पद्धति द्वारा किया जा रहा है. लेकिन प्रशासन हमारी मांग को कुचलने के लिए बरबरता का परिचय दे रहा है. हमलोग हर हाल में गोरखालैंड लेकर रहेंगे.
सिलीगुड़ी के आसपास लगायी गयी धारा 144
गारेखालैंड आंदोलन के तहत डेढ़ महीने से चल रहे पहाड़ बंद की आग से सिलीगुड़ी अछूता नहीं रह पा रहा है. शहर के आसपास जहां गोरखा समुदाय की आबादी ज्यादा है, वो इलाके रह-रह कर सुलग उठ रहे हैं. शनिवार को दहक उठे सुकना में रविवार को भी माहौल गरम रहा. पुलिस ने सुकना से 11 मोरचा समर्थकों को गिरफ्तार किया है. इस बीच पहाड़ की आग को समतल में सुलगने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने सिलीगुड़ी शहर से सटे सुकना, सालूगाड़ा, खपरैल आदि इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है. इन इलाकों में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है. रविवार को गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के नारी मोरचा ने रैली निकालकर सुकना पुलिस चौकी का घेराव किया. सुकना में पुलिस कार्रवाई के विरोध में रविवार को मिलन मोड़ में मोरचा समर्थकों ने बंद कराया.
गोरखालैंड आंदोलन पर केंद्र और राज्य सरकार की बेरुखी को देखते हुए गोजमुमो समर्थक अधीर हो रहे हैं और पहाड़ की अशांति को समतल तक पहुंचाना चाहते हैं. इसे लेकर सिलीगुड़ीवासियों के मन में आंदोलन का भय फैलने लगा है.