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न्यू जलपाईगुड़ी: तेल माफिया की सक्रियता ने अधिकारियों की उड़ायी नींद

सिलीगुड़ी. न्यू जलपाईगुड़ी(एनजेपी)इलाके में इंडियन ऑयल के तेल डिपो के निकट तेल चोरी की बढ़ती घटनाओं ने विभागीय अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. न्यू जलपाईगुड़ी थानांतर्गत एनजेपी स्टेशन के निकट ही दो तेल कंपनियों के तेल डिपो बने हुए है. इसके अलावा पास में ही एफसीआइ का गोदाम भी है. स्थानीय सूत्रों से मिली […]

सिलीगुड़ी. न्यू जलपाईगुड़ी(एनजेपी)इलाके में इंडियन ऑयल के तेल डिपो के निकट तेल चोरी की बढ़ती घटनाओं ने विभागीय अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. न्यू जलपाईगुड़ी थानांतर्गत एनजेपी स्टेशन के निकट ही दो तेल कंपनियों के तेल डिपो बने हुए है. इसके अलावा पास में ही एफसीआइ का गोदाम भी है. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस इलाके में काफी दिनों से तेल माफिया सक्रिय है जो टैंकियों से तेल चोरी कर अवैध रूप से बेचते हैं.

इसकी वजह से वहां कई बार दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है. इसी महीने की 15 तारीख को तेल डिपो इलाके में आग लगने की एक बड़ी घटना हुई थी. तेल कंपनियों के साथ ही राज्य सरकार के अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पा लिया था. कोई बड़ा नुकसान होने से बच गया था. इस घटना ने इंडियन ऑयल के अधिकारियों को भी परेशान कर दिया है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है.

इंडियन ऑयल के अधिकारी भी चाहते है कि तेल डिपो इलाके में माफिया राज खत्म हो. लेकिन वह लोग चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, तेल डिपो परिसर तो इंडियन ऑयल के अधीन है, लेकिन उसके आसपास के इलाकों में इंडियन ऑयल के अधिकारियों की कुछ भी नहीं चलती. यह मामला पूरी तरह से राज्य सरकार तथा स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधीन है. इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने कई बार राज्य सरकार को इस मामले को लेकर चिट्ठी लिखी है. स्थानीय पुलिस से भी तेल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है. उसके बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. तेल कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि यदि इस प्रकार के माफियाओं को काबू में नहीं किया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

क्या है खतरा
एनजेपी इलाके में न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के साथ ही दो कंपनियों के तेल डिपो एवं एफसीआइ का बहुत बड़ा गोदाम है. अग्निशमन को लेकर यह इलाका काफी संवदेनशील है. यहां गाहे-बगाहे आग लगने की घटना होती रहती है. हालांकि हर बार ही बड़ी दुर्घटन टल गयी है. लेकिन इसी प्रकार की लापरवाही आगे भी जारी रही तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
कैसे होती है तेल की चोरी
मिली जानकारी के अनुसार, इस इलाके में तेल की चोरी डिपो से नहीं बल्कि तेल टैंकरों से होती है. तेल टैंकरों को जब डिपो से निकाला जाता है तभी ड्राइवर स्थानीय तेल माफियाओं को बहुत ही कम कीमत पर तेल बेच देते हैं. एनजेपी इलाके में टैंकर से तेल खरीदनेवालों का कई गिरोह सक्रिय है. यह लोग टैंकरों से तेल लेकर विभिन्न इलाकों में स्कूटर तथा मोटरसाइकिल रिपेयरिंग के दुकानों को देने के अलावा अन्य स्थानों पर खुले में अवैध रूप से तेल बेचनेवालों को इसकी आपूर्ति करते हैं. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि करीब 30 से 40 लोग एक सिंडिकेट बना कर इस तेल चोरी गिरोह को संचालित करते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले को लेकर इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक रंजन कुमार महापात्र का कहना है कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. कंपनी के तेल डिपो से तल चोरी की कोई भी घटना नहीं घटती है. डिपो से बाहर क्या होता है इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. पुलिस को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए .श्री महापात्र ने आगे कहा कि तेल डिपो तथा एफसीआइ गोदाम इलाके में टैंकरों तथा ट्रकों की अवैध रूप से पार्किंग की जाती है. इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस को चिट्ठी लिखी गयी है. वह अपने डिपो से जिन टैंकरों को रवाना करते हैं, उसमें लदे तेल की माप होती है. जहां टैंकर को खाली किया जाता है, वहां भी तेल को मापते है. अगर इसमें कोई कमी पायी जाती है तो ट्रांसपोर्टर पर दोगुणा जुर्माना लगाया जाता है.

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