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अब खूंटी पूजा बन गयी है ट्रेंड

मुश्ताक खान कोलकाता : दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार है. यह धार्मिक त्योहार से अधिक उत्सव का रूप धारण कर चुका है, जिसमें सभी धर्म, समुदाय व वर्ग के लोग शामिल होकर खुशियां बांटते हैं. दुर्गा पूजा में अब अधिक समय नहीं रह गया है. कई वर्षों के बाद इस साल दुर्गा […]

मुश्ताक खान
कोलकाता : दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार है. यह धार्मिक त्योहार से अधिक उत्सव का रूप धारण कर चुका है, जिसमें सभी धर्म, समुदाय व वर्ग के लोग शामिल होकर खुशियां बांटते हैं. दुर्गा पूजा में अब अधिक समय नहीं रह गया है. कई वर्षों के बाद इस साल दुर्गा पूजा का आयोजन सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में होगा. पूजा कमेटियों की तैयारी जोरशोर से चल रही है. एक-दूसरे से आगे निकलने व अधिक दर्शकों को आकर्षित करने के लिए महानगर की पूजा कमेटियों में थीम आधारित पूजा की होड़ अब नयी बात नहीं है. अब तो शहर में पारंपरिक पंडाल व मूर्तियां बेहद कम ही दिखायी देती हैं.
दुर्गापूजा की तैयारी की शुरुआत खूंटी पूजा से होती है. खूंटी पूजा यूं तो कोई नयी चीज नहीं है. यह सदियों पुरानी परंपरा काठामो पूजा का ही बदला हुआ रूप है, जिस पर बोनेदी बाड़िर पूजो (घरेलू पूजा) की मिट्टी की प्रतिमा बनायी जाती थी, पर अब खूंटी पूजा एक बड़े ट्रेंड का रूप धारण कर चुकी है.
दुर्गा पूजा से महीनों पहले खूंटी पूजा के द्वारा पंडाल तैयारी का काम शुरू होता है. दुर्गा पूजा से पहले ही अपना दबदबा बनाने के लिए पूजा कमेटियां खूंटी पूजा में सेलिब्रिटियों को शामिल करने लगी हैं, जिनमें नामचीन खिलाड़ी से लेकर फिल्मी स्टार तक शामिल होते हैं. लोकप्रिय सिंघी पार्क हो या देशप्रिय पार्क, संतोषपुर एवेन्यू हो या मंत्री सुब्रत मुखर्जी, पार्थ चटर्जी, अरूप विश्वास द्वारा संचालित पूजा कमेटियां हों. सभी बड़े ही भव्य तरीके से खूंटी पूजा का आयोजन करती हैं, जिसमें बड़े-बड़े सेलेब्रिटी शामिल होते हैं. आमतौर पूजा कमेटियां रविवार को खूंटी पूजा का आयोजन करती हैं.
सिंघीपार्क पूजा कमेटी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम लोग सभी तरह की परंपरा व रस्मों के अनुसार खूंटी पूजा करते हैं. एक तरह से खूंटी पूजा के दिन से ही पूजा कमेटियां अपने पंडाल व प्रतिमा का प्रचार-प्रसार आरंभ कर देती हैं. जिस खंभे पर पूजा होती है, उसे पंडाल के मध्य में रखा जाता है.
बेहला पार्क पूजा कमेटी के एक प्रवक्ता ने कहा कि दुर्गापूजा के चार-पांच दिन लोग एक पूजा पंडाल से दूसरे पूजा पंडाल की सैर करते रहते हैं. लोगों की संख्या ही पूजा कमेटियों के कामकाज का पैमाना होता है. खूंटी पूजा के दिन से ही हम लोग पंडाल की तैयारी का काम आरंभ कर देते हैं. कमेटी के सदस्यों व स्थानीय लोगों के उत्साह को बनाये रखने के लिए हम लोग बड़े पैमाने पर खूंटी पूजा का आयोजन करते हैं.
हाल के वर्षों में थीम सांग भी एक नये ट्रेंड के रूप में उभरा है. पूजा कमेटियां अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए अपनी दुर्गा पूजा का विशेष थीम सांग तैयार कर रही हैं. बांग्ला फिल्म उद्योग के नामचीन संगीतकार व गायक थीम सांग तैयार कर रहे हैं आैर मशहूर गीतकार पूजा कमेटियों के थीम सांग के लिए गीत लिखने में व्यस्त हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मशहूर पूजा कमेटी सुरुचि संघ के थीम सांग के लिए गीत लिखा था, जिसके लिए संगीत जीत गांगुली ने तैयार किया था आैर इसे मशहूर गायिका पलक मुच्छल ने अपनी आवाज दी थी. इस थीम सांग के लिए वीडियो का निर्देशन कौशिक गांगुली ने किया था. सुरुचि संघ के कर्णधार राज्य के खेल व युवा मामलों के मंत्री अरूप विश्वास कहते हैं कि थीम सांग किसी विशेष पूजा कमेटी का सम्मान बढ़ाने का काम करता है.
सभी आयोजकों के बीच एक प्रतिस्पर्धा है. इसलिए अपनी एक अलग पहचान व उत्कृष्टता बनाने के लिए सभी कुछ न कुछ अलग करने का प्रयास करते हैं. केवल सुरुचि संघ ही नहीं, थीम सांग तैयार करने वाली पूजा कमेटियों में सलीमपुर नस्करपाड़ा, बोसपुकुर-तालबागान, चेतला अग्रागामी, श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब, टॉलीगंज उदयन क्लब इत्यादि भी शामिल हैं.
कई पूजा कमेटियां रथ पूजा के दिन खूंटी पूजा का आयोजन करती हैं. 200 वर्ष पुराने उत्तर कोलकाता के प्रसिद्ध बनर्जी बाड़ी के सदस्य श्रीपति बनर्जी ने बताया कि हम लोग खूंटी पूजा नहीं करते हैं. हम लोग आज भी काठामो पूजा करते हैं. प्रत्येक वर्ष रथ पूजा के दिन काठामो पूजा करने की हम लोगों की परंपरा रही है. हम लोग उसे निभा रहे हैं. आसपास की पूजा कमेटियां बड़े स्तर पर खूंटी पूजा करती हैं. यह एक ट्रेंड बन गया है.

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