कोलकाता. राज्य सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा से पांच किलोमीटर के दायरे में गेहूं की खेती पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है. राज्य ने यह फैसला केंद्र सरकार द्वारा घातक व्हीट ब्लास्ट रोग से बचने के फैसले के मद्देनजर लिया है. यह फंगस (फफूंद) इस वर्ष के आरंभ में कुछ सीमावर्ती गांवों में दिखायी […]
कोलकाता. राज्य सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा से पांच किलोमीटर के दायरे में गेहूं की खेती पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है. राज्य ने यह फैसला केंद्र सरकार द्वारा घातक व्हीट ब्लास्ट रोग से बचने के फैसले के मद्देनजर लिया है. यह फंगस (फफूंद) इस वर्ष के आरंभ में कुछ सीमावर्ती गांवों में दिखायी दिया था, जिसके पूरे देश में फैलने का खतरा पैदा हो गया था. बांग्लादेश सीमा से घुसपैठियों व नकली नोट के प्रवेश के बाद फंगस नया खतरा बन कर उभरा है.
बांग्लादेश के साथ भारत की 4096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से 2217 किलोमीटर पश्चिम बंगाल में है. राज्य के कृषि मंत्री पूर्णेंदु बसु ने कहा कि इस संबंध में हम लगातार कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत कर रहे हैं. जब तक इस रोग का कोई स्थानीय समाधान नहीं निकल जाता है, तब तक गेहूं की खेती पर रोक ही एकमात्र विकल्प है.
राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर इस रोग से निपटने का प्रयास किया है आैर इस वर्ष मार्च में गेहूं की फसलों को जलाने का आदेश दिया. इस संबंध में 27 जून को नयी दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्रालय व पश्चिम बंगाल कृषि विभाग के अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक में गेहूं की खेती पर प्रतिबंध लगाने के बारे में समझौता हुआ. इसके बाद राज्य सरकार ने 15 जुलाई को प्रतिबंध से संबंधित निर्देश जारी किया. राज्य कृषि मंत्री ने बताया कि इस प्रतिबंध के तहत मुर्शिदाबाद आैर नदिया जिले की लगभग 800 हेक्टेयर भूमि आयेगी. इस रोग के फैलाव को नियंत्रित करने के लिए इन दो जिलों की इन खेतों पर लगी फसल को जला दिया गया था. किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया है.
श्री बसु ने कहा कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि इन क्षेत्रों में गेहूं के विकल्प के रूप में किस फसल की खेती की जाये. कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2016-17 के दौरान राज्य सरकार ने गेहूं के किसानों को उनके नुक्सान की क्षतिपूर्ति के लिए चार करोड़ 10 लाख रुपये का भुगतान किया. गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार 1625 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को मुआवजा दिया गया.
क्या है व्हीट ब्लास्ट : व्हीट ब्लास्ट एक घातक वायरस है, जिसने पहली बार 1985 में ब्राजील में गेहूं की पैदावार को तबाह कर दिया था. 2016 में पहली बार इस रोग ने एशिया में प्रवेश किया आैर बांग्लादेश में तबाही मचा दी. इसपर नियंत्रण के लिए बांग्लादेश के छह जिलों में 20 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती को जलाना पड़ा था. इसके बाद इसने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद आैर नदिया जिले में प्रवेश किया. विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश से भटक कर भारत आनेवाले पशु इस रोग के वाहक हो सकते हैं.