यह जानकारी मंगलवार को एआइबीओसी के पश्चिम बंगाल राज्य ईकाई के सचिव संजय दास ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी. उन्होंने बताया कि बुधवार को संगठनों ने मिल कर विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला किया है, इसके बाद 22 अगस्त को हड़ताल करने का आह्वान किया गया है और इसके पश्चात 15 सितंबर को नयी दिल्ली में यूएफबीयू द्वारा रैली निकाली जायेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नीति आयोग, बैंक बोर्ड ब्यूरो और भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को निजीकरण व विलय की प्रक्रिया जारी है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.
अगर बैंकों का निजीकरण होता है तो आनेवाले समय में देश की अर्थ-व्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी और देश की अर्थ-व्यवस्था पर निजी कंपनियों का हाथ होगा. श्री दास ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पर्याप्त पूंजी नहीं दी जा रही है और उनके व्यापार के विस्तार को सीमित किया जा रहा है. निजी बैंकों, छोटे बैंकों, भुगतान बैंकों आदि को खोलने के लिए कॉरपोरेट घरानों को स्वतंत्र रूप से लाइसेंस दिये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां एक ओर केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का आपस में विलय कर रही है तो वहीं दूसरी ओर, निजी कंपनियों को बैंक का लाइसेंस दिया जा रहा है. पिछले नौ-10 महीने में केंद्र सरकार ने 19 निजी कंपनियों को बैंकिंग लाइसेंस दिया गया है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों को बचाने के लिए उनका आंदोलन जारी रहेगा. इस मौके पर एआइबीअोसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय मंडल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विश्वरंजन राय, उपाध्यक्ष तरुण साहा, सांगठनिक सचिव तन्मय चटर्जी व कोषाध्यक्ष अशोक साहा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.