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ध्रुवीकरण की घटिया चाल चल रही भाजपा : तृणमूल
दार्जिलिंग में भी भाजपा का ‘घटिया चाल विभाग’ सक्रिय : डेरेक कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सामाजिक व आर्थिक विकास पर मुकाबला करने में नाकाम रहने पर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ध्रुवीकरण की घटिया चाल चल रही है. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन […]
दार्जिलिंग में भी भाजपा का ‘घटिया चाल विभाग’ सक्रिय : डेरेक
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सामाजिक व आर्थिक विकास पर मुकाबला करने में नाकाम रहने पर भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ध्रुवीकरण की घटिया चाल चल रही है. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने एक बयान में कहा कि जब विकास के पैमानों पर तृणमूल कांग्रेस को नहीं हरा सकी तो भाजपा क्या करेगी. वही आजमायी हुई ध्रुवीकरण की घटिया चाल चलेगी. दार्जिलिंग में भी भाजपा का ‘घटिया चाल विभाग’ सक्रिय है. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि भाजपा को बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय कश्मीर और किसानों के संकट जैसे मुद्दों को सुलझाना चाहिए.
उन्होंने कहा, बड़ी-बड़ी बातें बनाना छोड़िये. भाजपा के मंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारी फेसबुक और ट्विटर पर भड़काऊ संदेश फैला रहे हैं. यह गुनाह है. गौरतलब है कि उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है, जब उत्तर 24 परगना जिले के बादुरिया इलाके में इस हफ्ते की शुरुआत में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस भिड़े हुए हैं.
कोलकाता. बादुड़िया की घटना से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने उन संगठनों को सभा व रैली करने की इजाजत नहीं देने का फैसला किया है, जिनका इतिहास लोगों को भड़काने का रहा है. गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, किन संस्थाआें व संगठनों को सभा व रैली आयोजित करने की इजाजत नहीं दी जायेगी, उनकी एक तालिका तैयार की जा रही है. जल्द ही उनके नामों का एलान कर दिया जायेगा. मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि राज्य में शांति व्यवस्था व सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए ऐसे संस्थाआें व संगठनों पर नजर रखी जायेगी, जिन पर लोगों को भड़काने का आरोप लगता रहा है. यह भी निर्णय लिया गया है कि अब कोई भी संस्था व संगठन रैली व सभा करने की इजाजत मांगते हैं, तो पुलिस इजाजत देने से पहले अच्छी तरह से इस बात का पता लगायेगी कि उक्त संस्था व संगठन लोगों को भड़काने का काम तो नहीं करते हैं. उसके बाद ही पुलिस सभा व रैली करने की इजाजत देने का फैसला लेगी.
मंत्रियों-विधायकों को अपने क्षेत्र में रहने का निर्देश
कोलकाता. बशीरहाट एवं आसपास के इलाकों से संबंध रखने वाले मंत्रियों व विधायकों को अपने क्षेत्र में रहने का निर्देश दिया गया है. गुरुवार को राज्य सचिवालय नवान्न में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. जानकारी के अनुसार बशीरहाट, बादुड़िया आदि इलाकों में हुई हिंसा एवं तनाव के मद्देनजर स्थानीय विधायकों को अपने इलाकों में ही बने रहने के लिए कहा गया है. उन्हें कहा गया है कि इलाके में शांति बनाये रखने में पुलिस प्रशासन के साथ सहयोगिता करें. लोगों से मिलें आैर उनको विश्वास में लेने का प्रयास करें. साथ ही उन्हें अफवाह फैलानेवालों व सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करनेवालों पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है.
कोलकाता. बादुड़िया में हुए सांप्रदायिक हिंसा की घटना की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में गुरुवार को जनहित याचिका दायर की गयी. घटना की न्यायिक जांच के साथ ही वहां हुई क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजे की भी मांग की गयी है. गुरुवार को प्रदेश भाजपा के अधिवक्ता सेल की सुषमा दत्त सहित सात लोगों ने यह मामला किया है, इसकी सुनवाई शुक्रवार को कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यनिर्वाही मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की खंडपीठ पर होने की संभावना है.
गौरतलब है कि बशीरहाट के बादुरिया में दो गुटों के बीच हुए संघर्ष के कारण वहां भी परिस्थिति अभी भी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है, वहां अभी भी तनाव का माहौल जारी है. याचिकाकर्ता वकील पार्थ घोष ने कहा कि वह पूरी घटना की जांच हाइकोर्ट के वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में कराना चाहते हैं और साथ ही इस घटना में जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है, उसके परिजनों को 10 लाख व घायलों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये.
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