कोलकाता. शनिवार को राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस के अवसर पर महानगर व जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये. मौके पर डॉ विधानचंद्र राय याद किये गये. स्वयंसेवी संस्था मेडिकल बैंक ने एक नि:शुल्क चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया,जिसमें 300 बुजुर्गों की मुफ्त में चिकित्सा जांच हुई. इस दौरान इसीजी से लेकर विभिन्न प्रकार की जांच संस्था की आेर से करायी गयी. इसके साथ ही शिविर में पहुंचे बुजुर्गों को मेडिकल बैंक की आेर से ग्रीन कार्ड भी दिया गया जिसके माध्यम से वे अगले एक वर्ष तक मुफ्त में चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
शिविर में राज्य के उपभोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडेय, स्थानीय नौ नंबर वार्ड की पार्षद मिताली साहा एवं बड़ी संख्या में डॉक्टर भी उपस्थित थे. सभी ने डॉ बीसी राय के जीवन पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर श्री पांडेय ने मेडिकल बैंक के सचिव डी आशीष को राज्य के सभी कॉलेजों के छात्रों का थैलेसिमिया टेस्ट करने के लिए अभियान शुरू करने का आह्वान किया. श्री पांडेय ने इस अभियान में राज्य सरकार की आेर से हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया. मेडिकल बैंक के सचिव डी आशीष ने कहा कि वर्तमान में राज्य में बड़ी संख्या में जाली डॉक्टरों का गिरफ्तार होना बेहद चिंता का विषय है. इसके साथ ही हाल के दिनों में डॉक्टरों में मरीजों के प्रति सेवाभाव की भारी कमी देखने को मिल रही है, जो बेहद गंभीर मामला है. ऐसे में हमें डॉ बीसी राय के जीवन से शिक्षा लेने की जरूरत है जिन्होंने अपना सारा जीवन मरीजों के इलाज व सेवा में समर्पित कर दिया था.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिकित्सक समाज के प्रति जताया आभार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ विधान चंद्र राय को उनकी जयंती व पुण्यतिथि के मौके पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टर्स दिवस के मौके पर चिकित्सक समाज के प्रति आभार भी व्यक्त किया. शनिवार को इस संदर्भ में ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल के पहले मुख्यमंत्री डॉ विधान चंद्र राय को उनकी जयंती व पुण्यतिथि के अवसर पर याद करती हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस है. उदार सेवा के लिए इस अवसर पर सभी चिकित्सकों, प्रोफेसरों एवं इस समुदाय के सभी लोगों को बधाई. गौरतलब है कि आधुनिक बंगाल के निर्माता डॉ विधान चंद्र राय (बीसी राय) का जन्म एक जुलाई 1882 को पटना के बांकीपुर में हुआ था. महान स्वतंत्रता सेनानी एवं देश के चंद बेहतरीन डॉक्टरों में से एक डॉ बीसी राय 1948 से अपनी मौत तक अर्थात 1962 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे. उनकी मौत एक जुलाई 1962 को हुई थी. इसलिए उनकी उनकी जयंती व पुण्यतिथि एक दिन अर्थात एक जुलाई को मनायी जाती है. उनके सम्मान में इस दिन को राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है.
चंदननगर में दी गयी श्रद्धांजलि
बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री विधानचंद्र राय की जयंती और पुण्यतिथि पर चंदन नगर वासियों ने उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. डाक्टर विधानचंद्र राय स्मृति रक्षा कमेटी के बैनर तले चंदननगर बड़ाबाजार में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. मौके पर किसान कांग्रेस के चेयरमैन शैलेंद्र सरकार, माइनॉरिटी सेल के चेयरमैन शेख साबिर उर्फ़ श्याम, मानस मुखर्जी, समर मौलिक, कार्तिक पारिदा, श्याम सुंदर गोस्वामी, प्रवीर पाकिरा सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे.
मरीजों के बीच फल वितरण
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ विधान चंद्र राय की जन्म तिथि पर लिलुआ के सिल्वर जुबली मेटरनिटी अस्पताल के मरीजों में फल व मिठाइयां बांटी गयीं. कार्यक्रम का आयोजन वार्ड 65 के पार्षद देव किशोर पाठक की ओर से किया गया था. इस मौके पर तृणमूल नेता मिताली हाजरा, विमल पाठक, पिंटू पाठक, शम्मी सिंह सहित अन्य भी उपस्थित थे.
डॉक्टर्स डे पर बंगाल चेंबर में सेमिनार
एक जुलाई डॉ विधानचंद्र राय की जंयती व पुण्यतिथि के मौके पर डॉक्टर्स डे मानाया जाता है. डॉक्टर्स डे के मौके पर महानगर के बंगाल चेंबर ऑफ कॉर्मस में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में चेंबर के अध्यक्ष डॉ शांतनु घोष, वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट तथा चेंबर की हेल्थ कमेटी के चेयरमैन डॉ अमित घोष समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे. सेमिनार में वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल के हेल्थ सेक्टर व परिसेवा पर चर्चा हुई. चेंबर के अध्यक्ष डॉ घोष ने कहा कि देश की एक बड़ी आबादी गांव में रहती है, ऐसे में उनकी चिकित्सा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हाल में पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों व मरीजों के बीच दूरी बन गयी है, जो चिकित्सा कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकती है. हमें इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. वहीं चिकित्सक को भी मरीजों के साथ सलीके से पेश आना चाहिए. इससे मरीजों का विश्वास चिकित्सक के प्रति बढ़ेगा. सेमिनार में उपस्थित अन्य लोगों ने भी अपने-अपने विचार रखें.
रूबी अस्पताल में खुला नि:शुल्क क्लिनिक
डॉक्टर दिवस के अवसर पर रूबी जनरल अस्पताल में महिला और शिशु देखभाल का नि:शुल्क क्लिनिक खोला गया. इसका उद्घाटन विशिष्ट ऑब्सटेट्रिशियन तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वासुदेव मुखर्जी ने किया. उल्लेखनीय है कि डॉ मुखर्जी एक विख्यात अभिनेता भी हैं. उद्घाटन के अवसर पर बाल कलाकार मास्टर तपोद्युति दत्ता की मौजूदगी ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. अन्य विशिष्ट अतिथियों में डॉ देवाशीष शर्मा, डॉ दुर्गा दास, डॉ अनीक भट्टाचार्य, डॉ अमिताभ रे, डॉ नीलांजन भट्टाचार्य व अन्य थे. इसकी जानकारी रूबी जनरल अस्पताल के डेपुटी मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ डीएन काइखो ने दी. उन्होंने बताया कि रोगियों को अत्याधुनिक परिसेवा मुहैया करना, रूबी अस्पताल का हमेशा से लक्ष्य रहा है. चिकित्सा परिसेवा को वह सर्वाधिक मानवीय परिसेवा मानते हैं. फ्री विमेन एंड चाइल्ड केयर क्लीनिक इसी दिशा में एक प्रयास है. डॉ काइखो के मुताबिक केवल यह क्लीनिक ही नहीं बल्कि आने वाले दिनों में चिकित्सा के क्षेत्र में अस्पताल द्वारा और भी बेहतरीन कार्य किये जायेंगे. इधर डॉक्टर्स डे के अवसर पर शनिवार को अस्पताल की छटा ही निराली थी. रोगियों को स्वास्थ्य का अमूल्य उपहार देने वाले डॉक्टरों को अस्पताल की ओर से सम्मानित किया गया. मौके पर केक भी काटा गया.
मरीजों के परिजनों ने किया प्रदर्शन
डॉक्टर्स डे के मौके पर जहां राज्य के तमाम अस्पतालों में डॉ विधान चंद्र राय का जन्म दिवस मनाया गया, वहीं राज्य के एक बड़े मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया गया. इस मेडिकल कॉलेज में डॉ विधान चंद्र राय ने अपनी सेवा भी दी थी. नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में शनिवार को डॉक्टर्स डे के मौके पर अस्पताल में मेडिकल के छात्र व जूनियर डॉक्टरों की ओर से एक रैली निकाली गयी. इस रैली में ढोल व ड्रम बजाये गये. कॉलेज ऑडिटोरियम से रैली निकाली गयी, जो दो नंबर गेट से बाहर निकल कर दोबारा एक नंबर गेट अस्पताल में प्रवेश कर ऑडिटोरियम तक गयी. इस दौरान ड्रम व ढोल बजाये गये. वहीं मरीज के परिजनों की ओर से रैली में ढोल बजाने का विरोध किया गया. परिजनों ने कॉलेज ऑडिटोरियम के बाहर खड़ा होकर इस घटना का विरोध किया. रैली के बाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचीं स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भी इस घटना की निंदा की. डॉक्टर्स डे के मौके कॉलेज आडिटोरियम में एक सभा का आयोजन किया किया गया, जिसमें डॉ निर्मल मांझी, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक प्रो डॉ देवाशीष भट्टाचार्य सह एनआरएस मेडिकल कॉलेज के अन्य वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे.