कोलकाता: भारत के लिए वर्ष 2017 सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष देश में आर्थिक सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम उठाये गये हैं. इनमें केंद्रीय बजट के लिए एक फरवरी की तारीख तय करना, रेल बजट का अाम बजट में विलय, उसके पश्चात 31 मार्च तक वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा पूरा कर एक अप्रैल से ही राज्यों को योजनाओं के लिए राशि आवंटित करना शामिल है. इसके बाद एक ऐसा ऐतिहासिक आर्थिक सुधार, जो आजादी के बाद भारत के लिए सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है. एक जुलाई से भारत में ‘एक देश, एक कर’ लागू होगा. यह सपना हालांकि उन्होंने बहुत पहले ही देखा था, जो आज पूरा हो रहा है. ये बातें गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने साइंस सिटी ऑडिटोरियम में द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहीं.
उन्होंने कहा कि हालांकि एक देश, एक कर का सपना उन्होंने अपने वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान ही देखा था, जो आज जाकर पूरा हुआ है. वर्ष 2011 में जीएसटी लाने के लिए उन्होंने पहल भी शुरू की थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने देश के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया. पिछली सरकार जीएसटी काे लागू नहीं करा पायी, लेकिन वर्तमान सरकार देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए बड़े कदम उठा रही है. यह देश के आर्थिक विकास के लिए काफी मददगार साबित होगा.
वहीं, कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि एक जुलाई को सीए दिवस के मौके पर आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार लागू होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2017 को आर्थिक सुधारों के लिए हमेशा याद किया जायेगा. उन्होंने आइसीएसआइ प्रबंधन से उनके सभी कार्यालय, चैप्टर व शाखाओं को जीएसटी संबंध में जानकारियां प्रदान करने के लिए हेल्प डेस्क खोलने का आवेदन किया. इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, आइसीएसआइ के अध्यक्ष मानस कुमार ठाकुर, उपाध्यक्ष संजय गुप्ता सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे. गौरतलब है कि 24 जुलाई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल खत्म हो जायेगा. एनडीए ने राष्ट्रपति के लिए रामनाथ कोविंद को मनोनित किया है. श्री मोदी और उनकी सरकार में मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले 23 जुलाई को भोज पर श्री मुखर्जी से मुलाकात करेंगे.
मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया की भी प्रशंसा
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने साल 2011 में यूपीए की सरकार में बतौर वित्त मंत्री जीएसटी लाने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा करने में वे असफल रहे थे. इतना ही नहीं उन्होंने मोदी सरकार की मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, क्लीन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे अभियान का जिक्र करते हुए न सिर्फ इसे भविष्य के लिए प्रभावी तंत्र करार दिया, बल्कि कहा कि यह देश को आगे ले जाने में काफी सहायक साबित होंगे. राष्ट्रपति ने देश में आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रशंसा की. श्री मुखर्जी ने इसके लिए केंद्र की एनडीए सरकार की सराहना की और कदम को प्रभावी तंत्र करार दिया. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वह हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं. यह दर्शाता है कि हम विलंब से चल सकते हैं, लेकिन जो करेंगे, वह स्थिर होगा.