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बंगाल में अब डीजीपीएस के प्रयोग से जमीन की मापी व बनेगा नक्शा

कोलकाता. राज्य के भूमि व भूमि सुधार विभाग ने अब डिफरेंसिएट ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) का प्रयोग कर जमीन को मापने व उसका नक्शा बनाने का फैसला किया है. इस संबंध में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब डीजीपीएस पद्धति से जमीन को मापा जायेगा और उसका नक्शा बना कर भूमि व भूमि […]

कोलकाता. राज्य के भूमि व भूमि सुधार विभाग ने अब डिफरेंसिएट ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) का प्रयोग कर जमीन को मापने व उसका नक्शा बनाने का फैसला किया है. इस संबंध में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब डीजीपीएस पद्धति से जमीन को मापा जायेगा और उसका नक्शा बना कर भूमि व भूमि सुधार विभाग के पास रिकार्ड में रखा जायेगा. इस योजना पर विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत दक्षिण 24 परगना के तीन मौजा क्षेत्र में कार्य भी शुरू कर दिया है.

भूमि व भूमि सुधार विभाग उन क्षेत्रों में कार्य करने में जुटा है, जहां अभी तक जमीन को ना ही मापा गया है और ना ही उसका कोई नक्शा है. भूमि व भूमि सुधार विभाग ने दक्षिण 24 परगना के हिरन्मयपुर, मियाघेरी व बारुईपुर में इस योजना के तहत कार्य शुरू किया है.

आनेवाले समय में नदिया जिले में इस पद्धति से जमीन को मापा जायेगा. हिरन्यमपुर मौजा का आयतन 2133.64 एकड़, मियाघेरी मौजा का आयतन 630.46 एकड़ व बारुईपुर मौजा का आयतन 2471.88 एकड़ है. उन्होंने बताया कि इस नयी पद्धति के प्रयोग से जमीन को मापने व नक्शा बनाने का काम बहुत आसानी से कम समय में पूरा किया जा सकेगा. पहले यह काम भूमि व भूमि सुधार विभाग के कर्मचारी व अधिकारी वहां जाकर करते थे, जिससे प्रत्येक मौजा का जमीन मापने व नक्शा बनाने में 40-50 दिन का समय लगता था, लेकिन नयी पद्धति से मात्र 10-15 दिनों में यह प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी.

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