कोलकाता. साउथ पोर्ट थाना क्षेत्र के प्रिंसेप घाट में 28 मई की देर रात को तीन युवक-युवतियों को नशे में पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले की आरोपी तितास बनर्जी (36) और इप्शिता बनर्जी (26) ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने और झूठे आरोप में फंसाने के आरोप […]
कोलकाता. साउथ पोर्ट थाना क्षेत्र के प्रिंसेप घाट में 28 मई की देर रात को तीन युवक-युवतियों को नशे में पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले की आरोपी तितास बनर्जी (36) और इप्शिता बनर्जी (26) ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने और झूठे आरोप में फंसाने के आरोप में 21 जून को साउथ पोर्ट थाना के दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी. इसकी कॉपी 28 जून को मिली. इप्शिता और तितास ने बुधवार संवाददाता सम्मेलन में आरोपी पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाते हुए ये बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि 28 मई की रात आसानसोल से कोलकाता लौटते वक्त शौचालय इस्तेमाल करने के लिए दोनों कार में प्रिंसेप घाट पहुंची थीं. शौचालय बंद होने के कारण उन्होंने ड्यूटी पर तैनात एएसआइ से शौचालय की चाबी मांगी. युवतियों का अारोप है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस ने दोनों को वहीं पर खुले में शौच करने के लिए कहा. हालांकि केएमसी के गार्ड के आने पर बाद उन लोगों ने शौचालय का इस्तेमाल किया. शौचालय से लौटते वक्त एसआइ एसके मित्रा ने दोनों की पोशाक को लेकर गंदी टिप्पणी भी की. इसका विरोध करने पर जयंत चटर्जी और एसके मित्रा ने उन्हें झूठे नार्कोटिक्स केस में फंसाने की धमकी भी दी.
इन दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने 28 मई की रात वे अपने साथी तपन नंदी के साथ साउथ पोर्ट थाना पहुंची, तो महिला पुलिस कर्मी नहीं होने की बात बतायी गयी. थाने में पुलिस कर्मियों का व्यवहार भी काफी बुरा था. इनको मेडिकल जांच के लिए एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया जहां बिना किसी रक्त परीक्षण के ही उन्हें शराबी अवस्था में बताया और विरोध करने पर पुलिस इनको धमकी दी.
उनका फोन भी छिन लिया गया. इसके बाद 29-30 जून को उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया और 30 मई से 8 जून तक वे न्यायिक हिरासत में रहे. इस मामले में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (3) सुप्रतीम सरकार ने कहा कि थाने में दर्ज एफआइआर की जांच हो रही है. जांच के दौरान सबूत के आधार पर कार्रवाई होगी.