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नोबेल चोरी की जांच राज्य को सौंपने से केंद्र ने किया इनकार

कोलकाता : कविगुरु रवींद्रनाथ टैगाेर के नोबेल पदक की चोरी का मामला अभी तक नहीं सुलझा है. पिछले काफी दिनों से इस मामले की जांच सीबीआइ द्वारा करने के बावजूद न तो अभी तक चोरी गये नोबेल पदक का कोई सुराग मिला है आैर न ही चोरों का ही कोई पता चला है. मामले में […]

कोलकाता : कविगुरु रवींद्रनाथ टैगाेर के नोबेल पदक की चोरी का मामला अभी तक नहीं सुलझा है. पिछले काफी दिनों से इस मामले की जांच सीबीआइ द्वारा करने के बावजूद न तो अभी तक चोरी गये नोबेल पदक का कोई सुराग मिला है आैर न ही चोरों का ही कोई पता चला है. मामले में कोई लीड नहीं मिलने के कारण सीबीआइ ने जांच रोक रखी है.

इस स्थिति में राज्य सरकार यह चाहती है कि अब इस मामले की जांच राज्य सरकार को स्थानांतरित कर दी जाये. इस संबंध में 2015 में राज्य सरकार ने पहला पत्र लिखा था, फिर पिछले वर्ष अगस्त महीने में भी केंद्र को पत्र लिख कर जांच को स्थानांतरित करने की मांग की गयी. नवान्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह राज्य गृह मंत्रालय को भेजे गये एक पत्र में केंद्रीय कार्मिक विभाग ने यह साफ कर दिया है कि टैगोर के नोबेल पदक की चोरी के मामले की जांच राज्य को स्थानांतरित करने का उनका कोई इरादा नहीं है. यह मामला फिलहाल सीबीआइ के हाथ में ही रहेगा.

नोबेल चोरी मामले में राज्य की मदद करे सीबीआइ
कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के चोरी हुए नोबेल पदक का पता केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ भी लगा नहीं पायी. अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य स्तर पर एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो नोबेल मामले की जांच करेगी. इसके बार राज्य सरकार ने सीबीआइ से नोबेल पदक मामले की जांच के दौरान इकट्ठा किये गये दस्तावेजों को सौंपने को कहा है. इस पर सीबीआइ ने आपत्ति जतायी है और कहा है कि राज्य सरकार किस आधार पर मामले की जांच शुरू करना चाहती है. सीबीआइ के इस जवाब पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर का नोबेल पदक राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है. सीबीआइ अगर इसका पता नहीं लगा पायी है और राज्य सरकार इसका पता लगाना चाहती है तो इसमें आपत्ति क्या है. नोबेल पदक की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी को एसआइटी के साथ जांच प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए.

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