ऐसी परिस्थिति में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों व अधिकारियों को लेकर यहां उच्चस्तरीय बैठक की गयी. इस बैठक में टूर ऑपरेटरों, ट्रांसपोटरों आदि ने पर्यटकों की सुरक्षा और राष्ट्रीय राजमार्ग 10 खुला रखने की मांग की. इस बैठक में राज्य पर्यटन विभाग व परिवहन विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए.
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बंद का छठा दिन: कल सर्वदलीय बैठक, गोजमुमो अड़ा
सिलीगुड़ी. दार्जीलिंग व कालिम्पोंग के अलावा पड़ोसी राज्य सिक्किम में भी सात हजार से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं. गोरखालैंड आंदोलन की वजह से दार्जीलिंग, कर्सियांग, मिरिक व कालिम्पोंग का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. चालकों के साथ मारपीट, गाड़ी में आगजनी व पर्यटकों के साथ हिंसा आदि जैसी घटनाएं हो […]
सिलीगुड़ी. दार्जीलिंग व कालिम्पोंग के अलावा पड़ोसी राज्य सिक्किम में भी सात हजार से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं. गोरखालैंड आंदोलन की वजह से दार्जीलिंग, कर्सियांग, मिरिक व कालिम्पोंग का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. चालकों के साथ मारपीट, गाड़ी में आगजनी व पर्यटकों के साथ हिंसा आदि जैसी घटनाएं हो रही हैं.
बैठक की अध्यक्षता पर्यटन मंत्री गौतम देव ने की. बैठक के बाद संवाददाताओं से श्री देव ने कहा कि अलोकतात्रिक आंदोलन व समतल पर अशांति बरदाश्त नहीं करेंगे. राजनीतिक व प्रशासनिक तरीके से आंदोलन को दबाने के लिए तृणमूल व राज्य सरकार तैयार है. दूसरी ओर, पहाड़ पर बांग्ला भाषा को लेकर शुरू हुआ विवाद अब अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर अटक गया है. राज्य सरकार भी रियायत के लिए तैयार नहीं है. हालांकि 22 जून को सिलीगुड़ी स्टेट गेस्ट हाउस में सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी है. इस बैठक में राज्य सरकार के मंत्री, गृह सचिव सहित जिला व राज्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समतल, पहाड़, तराई-डुआर्स की सभी राजनीतिक पार्टियों को शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया है. हालांकि गोजमुमो ने गोरखालैंड के अलावा कोई भी समझौता स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.
पर्यटक व्यवसाय प्रभावित
इस आंदोलन से पर्यटन व्यवसाय पर गहरा असर पड़ा है. पर्यटन व्यवसायियों के अनुसार इस वर्ष उम्मीद से अधिक पर्यटक पहाड़ आये. अब भी काफी पर्यटकों की बुकिंग है. गोरखालैंड आंदोलन की वजह से पर्यटक असमंजस में हैं.
इस्टर्न हिमालया ट्रेवल्स एंड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के प्रवक्ता सम्राट सान्याल ने बताया कि गरमी की छुट्टी खत्म नहीं हुई है. जून के अंत और जुलाई महीने के शुरू में काफी पर्यटकों की बुकिंग है. फिर भी स्थिति को देखते हुए 30 प्रतिशत से अधिक बुकिंग रद्द कर दी गयी है. पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर टूर ऑपरेटर भी काफी चिंतित है. चालक, गाड़ी सहित पर्यटकों पर भी हमले किये जा रहे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग जबरन बंद कराया जा रहा है. गोरखालैंड आंदोलन दार्जीलिंग में है. फिर सिक्किम गामी सड़क पर आंदोलनकारी क्यों तांडव मचा रहे हैं. श्री सान्याल ने कहा कि इस बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग खुला रखने की मांग की गयी है.
इधर बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री देव ने बताया ने समस्या जटिल है. दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार व कालिम्पोंग के जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की गयी. पर्यटकों की गाड़ियों पर हमले हो रहे हैं. आंदोलनकारी खाद्य संकट की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. पहाड़ पर खाने पीने की कमी हो रही है. आंदोलन की वजह से पहाड़ के लोग ही परेशान हो रहे हैं. आशा है सर्वदलीय बैठक में समस्या का समाधान हो जायेगा.
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