उल्लेखनीय है कि 2004 के अक्तूबर में विधान सरणी के एक राष्ट्रीयकृत बैंक से 22 लाख 95 हजार रुपये का लोन एक निजी संस्था को प्रदान किया गया था. बाद में कागजातों की जांच करने पर वे जाली पाये गये. मामले की जांच का दायित्व सीबीआइ को सौंपा गया.
सीबीआइ की अधिवक्ता राजश्री महापात्रा ने बताया की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद मैनेजर भवतोष दास, दीप्तभानू दत्त व अमिताभ सरकार को सजा सुनायी गयी. सीबीआइ की वकील श्रीमती महापात्रा ने कहा कि इस मामले की सुनवाई में 52 लोगाें की गवाही के बाद अदालत ने इन आरोपियों के खिलाफ सश्रम कारावास की सजा सुनायी. उल्लेखनीय है कि इस तरह के मामलों में यह अपनी तरह का मामला है, जिसमें अदालत ने सख्ती बरतते हुए सजा सुनायी है.