मालदा: मालदा के अमावट व्यवसायी अपने विख्यात अमावट की मांग पूरे विश्व में फैलाना चाहते हैं. व्यवसायियों का मानना है राज्य सरकार की सहयोगिता से अमावट का व्यवसाय और भी बढ़ाया जा सकता है. यदि राज्य सरकार आम उत्पादन पर ध्यान देगी, तो अमावट एक कुटीर उद्योग के रूप में विकसित होगा. अमावट व्यवसायियों का […]
मालदा: मालदा के अमावट व्यवसायी अपने विख्यात अमावट की मांग पूरे विश्व में फैलाना चाहते हैं. व्यवसायियों का मानना है राज्य सरकार की सहयोगिता से अमावट का व्यवसाय और भी बढ़ाया जा सकता है. यदि राज्य सरकार आम उत्पादन पर ध्यान देगी, तो अमावट एक कुटीर उद्योग के रूप में विकसित होगा.
अमावट व्यवसायियों का कहना है कि मालदा सहित उत्तर बंगाल व राज्य में अमावट की काफी मांग है. इसके अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश आदि में भी अमावट की मांग है. लेकिन इसे एक लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए देश के साथ विदेशों में अमावट का बाजार बनाना होगा. एक नये कुटीर उद्योग का जन्म होने से बेरोजगारी की समस्या का भी कुछ हद तक समाधान होगा.
मालदा के कोतवाली ग्राम पंचायत इलाके में इन दिनों अमावट तैयार करने का काम जोरों से चल रहा है. स्थानीय निवासी एकता चौधरी (60) ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से अमावट बनाती आ रही हैं. लजीज अमावट तैयार करने की वजह से उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है. उनके साथ इस इलाके की कई गृहणियां इस व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं. उनका कहना है कि घर बैठे यह एक अच्छा व्यवसाय है. इसकी मांग भी अधिक है और कमाई भी अच्छी होती है. लेकिन अमावट का बाजार सीमित है.
एकता चौधरी ने बताया कि प्रथम चरण में गोपाल भोग आम से अमावट तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है. वर्तमान में गोपाल भोग आम की कीमत करीब नौ सौ रुपये प्रति मन है. आम के इस मौसम में महिलाएं 30-40 मन आम का अमावट तैयार कर लेती हैं. यहां के अमावट की काफी मांग है. अमावट खरीदने के लिए लोग अग्रिम बुंकिग कराते हैं. हम चाहते हैं कि राज्य सरकार इस कुटीर उद्योग को आगे बढ़ाने का प्रयास करे. इससे बेरोजगारी की समस्या का भी कुछ समाधान होगा.