श्री अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पर्याप्त विनिर्माता नहीं हैं, ऐसे में इन कंपनियों को पश्चिम बंगाल में इकाई लगाने के लिए निमंत्रण दिया गया है. साथ ही जरूरी ढांचागत सुविधाएं उन्हें उपलब्ध करायी जायेंगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल जो नौकाएं चल रही हैं, वे सेंट्रल मोटर वेह्लिकल्स के नियम के तहत नहीं आती हैं. इन नौकाओं के निर्माण से व्यवस्था विकसित होगी. श्री अधिकारी ने कहा कि सभी निर्माताओं से इसमें हिस्सा लेने के लिए कहा गया है. नये मॉडल बनाये गये हैं. इसे इंडियन रिवर सेफ्टी से अनुमति लेनी होगी. यह प्रक्रिया पूरी होने में लगभग एक माह लगेंगे. मौके पर पूर्व विधायक व डब्ल्यूबीटीआइडीसीएल के चेयरमैन दिनेश बजाज भी उपस्थित थे.
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अर्द्ध-यांत्रिक नौकाओं को बदलने की तैयारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल ने करीब 15,000 अर्द्ध-यांत्रिक नौकाओं को बदलने या उन्हें विकसित करने के लिए विभिन्न राज्यों में बोट बनानेवालीं कंपनियों आमंत्रित किया है. राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने विभिन्न राज्यों के बोट निर्माता कंपनियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद श्री अधिकारी ने कहा : राज्य सरकार चाहती है कि […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल ने करीब 15,000 अर्द्ध-यांत्रिक नौकाओं को बदलने या उन्हें विकसित करने के लिए विभिन्न राज्यों में बोट बनानेवालीं कंपनियों आमंत्रित किया है.
राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने विभिन्न राज्यों के बोट निर्माता कंपनियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद श्री अधिकारी ने कहा : राज्य सरकार चाहती है कि विभिन्न राज्यों के विनिर्माता इस बड़ी परियोजना में शामिल हों. इसके तहत अर्द्ध-यांत्रिक नौकाओं को नये नौकाओं से बदला जायेगा या उन्हें उन्नत बनाया जायेगा. उन्होंने कहा : सरकार ने सतत नौका परिवहन प्रणाली सुनिश्चित करने के लिये ‘जलधारा’ परियोजना शुरू की है और नौका परिचालकों को एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जायेगी. कार्यक्रम में ओड़िशा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और महाराष्ट्र के मझोले और बड़े पैमाने की विनिर्माता कंपनियों ने भाग लिया.
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