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केंद्र ने पांच पशु बाजारों को स्थानांतरित करने के लिए कहा
कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पांच मवेशी बाजारों को भारत-बांग्लादेश सीमा से आठ किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने के लिए कहा है, क्योंकि इन बाजारों के अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब होने के कारण बीएसएफ को भारत से बांग्लादेश के लिए हो रही पशु तस्करी रोकने में दिक्कत हो रही है. इस सिलसिले में […]
कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पांच मवेशी बाजारों को भारत-बांग्लादेश सीमा से आठ किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने के लिए कहा है, क्योंकि इन बाजारों के अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब होने के कारण बीएसएफ को भारत से बांग्लादेश के लिए हो रही पशु तस्करी रोकने में दिक्कत हो रही है. इस सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ममता सरकार को 14 वर्ष पुराने बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार के एक आदेश का हवाला दिया है.
केंद्र के साथ परामर्श के बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने वर्ष 2003 में छह वर्ष के दौरान पशु बाजारों को आठ किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने से संबंधित एक प्रशासनिक आदेश पारित किया था. लेकिन उस समय नंदीग्राम व सिंगूर में चल रहे भूमि आंदोलन में व्यस्त होने के कारण बुद्धदेव सरकार इस आदेश को लागू नहीं कर पायी थी.
ये पशु बाजार होंगे स्थानांतरित
पिछले दो जून को राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से एक पत्र मिला, जिसमें 2003 के उस आदेश को लागू करने का निर्देश दिया गया था. केंद्र ने नदिया जिला स्थित पकुआ, मुर्शिदाबाद जिला स्थित धुलियान व कृष्णापुर व उत्तर 24 परगना जिला स्थित कटिहाट पशु बाजारों को स्थानांतरित करने के लिए कहा है.
राज्य के 20 मवेशी बाजार
राज्य में 20 मवेशी बाजार है, लेकिन पांच बाजार ही भार-बांग्लादेश सीमा से आठ किलोमीटर इलाके के अंदर स्थित हैं.
गौरतलब है कि पिछले 26 मई को केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने देश भर के पशु बाजारों में वध के लिए पशुआें की बिक्री पर रोक लगाने के संबंध में एक अधिसूचना जारी थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस अधिसूचना का पुरजोर विरोध किया है आैर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार रमजान के महीने में जानबूझ कर यह अधिसूचना लायी है, ताकि इससे देश में सांप्रदायिक अशांति उत्पन्न हो. चमड़े का व्यवसाय करनेवालों ने केंद्र के इस प्रतिबंध का विरोध किया है. उनका कहना है कि यह आदेश चमड़ा उद्योग को पूरी तरह नष्ट कर देगा.
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