कलकत्ता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. लेकिन, चुनाव आयोग की ओर से चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किये जाने पर तृणमूल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
पश्चिम बंगाल सरकार के अधिवक्ता राम प्रसाद सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनाव आयोग से उपचुनाव की तारीखों का खुलासा करने की मांग कही है. उन्होंने कहा है कि हम चिंतित हैं कि क्यों और क्या चुनाव आयोग के लिए उपचुनावों में अनावश्यक रूप से देरी हो रही है.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने कहा है कि ''कलकत्ता हाईकोर्ट में अधिवक्ता राम प्रसाद सरकार ने जनहित याचिका दायर कर चुनाव आयोग से उपचुनाव की तारीखों का खुलासा करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 150, 151 के तहत चुनाव/उपचुनाव 6 माह के भीतर होने चाहिए. हम चिंतित हैं कि क्यों चुनाव आयोग के लिए उपचुनावों में बेवजह देरी हो रही है.''
अधिवक्ता राम प्रसाद सरकार ने कहा है कि मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी ने पांच मई को शपथ ली थी. मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मेरा सम्मानजनक निवेदन है कि कृपया भारत के चुनाव आयोग, गृह मंत्रालय और राज्य चुनाव आयोग को उप-चुनावों की तारीखों का तुरंत खुलासा करने का निर्देश दें.
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस को बहुमत मिलने पर पार्टी की मुखिया ममता बनर्जी ने पांच मई, 2021 को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी. अब तृणमूल कांग्रेस के समक्ष समस्या यह है कि छह माह की अवधि में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव जीतकर विधानसभा सदस्य नहीं बनीं, तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी को छोड़ना पड़ सकता है.