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ई-वॉलेट अब भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं
आसनसोल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत आठ नवंबर को पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद करने का लिये गये गये निर्णय को सरकार ऐतिहासिक निर्णय बता रही है. नोयबंदी के बाद सरकार कैशलेस सोसायटी के लिए देश में डिजिटल ाुगतान को बढ़ावा दे रही है, लेकिन ारत जैसे देश में ई-वॉल्ट […]
आसनसोल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत आठ नवंबर को पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद करने का लिये गये गये निर्णय को सरकार ऐतिहासिक निर्णय बता रही है. नोयबंदी के बाद सरकार कैशलेस सोसायटी के लिए देश में डिजिटल ाुगतान को बढ़ावा दे रही है, लेकिन ारत जैसे देश में ई-वॉल्ट अब ी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है.
वर्ष 2017 सिक्यूरिटी लैंडस्केप एशिया पेसिफिक की अपनी रिपोर्ट में कंपनी का कहना है कि आनेवाले सालों में ारत दुनिया में फिशिंग, हैंकिंग और ऑनलाइन ठगी के मामले में सबसे ज्यादा निशाने पर रहनेवाला है.
उद्योग संगठन एसोचैम और रिसर्च फॉर्म ई-वाई द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष2017 में कैशलेस ाुगतान से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में 65 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो सकती है. ारत में साइबर सुरक्षा से संबंधित एक मात्र कानून है, सूचना प्रौद्योगिकी कानून. यह वर्ष 2000 में बना था. संशोधन के बावजूद लोगों को यह कानून पर्याप्त साइबर सुरक्षा नहीं दे सका. ारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी नोटिफिकेशन में ऐसे उपाोक्ताओं को महज 10 हजार रुपये तक लौटाने की बीत कही गयी है. वर्त्तमान परिदृश्य को देखते हुए साइबर क्राइम को गैरजमानतीय बनाने की जरूरत है, ताकि अपराधियों में डर पैदा हो.
नगद, ऑनलाइन लेन-देन के संभावित खतरें
नकली ऑनलाइन ाुगतान एप्लिकेशन से बैंकिंग विवरण नेट बैंकिंग लॉगिन, आइडी- पासवर्ड, क्रेडिट-डेबिट कार्ड नंबर आदि की चोरी हो सकती है. नकली वेबसाइटों पर किसी ी जानकारी आप यदि प्रदान करते हैं तो वह हमलावरों तक पहुंच जायेगा.
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